गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए निजी क्षेत्र से निवेश जरूरी : थरूर

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए निजी क्षेत्र से निवेश जरूरी : थरूर

नई दिल्ली : विश्वविद्यालय की मौजूदा प्रणाली को भारतीय कंपनियों एवं उद्योग की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपर्याप्त बताते हुए मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री ने कहा कि देश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षण एवं शोध संस्थान स्थापित करने और शिक्षा में निजी क्षेत्र के निवेश की आवश्यक्ता है। भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा आयोजित वैश्विक उच्च शिक्षा शिखर सम्मेलन के दौरान थरूर ने कहा कि वर्तमान विश्वविद्यालय एवं शिक्षा से दक्ष स्नातक नहीं मिल पा रहे हैं जिससे कंपनियों को प्रशिक्षण के लिए उच्च शिक्षा के क्षेत्र में प्रवेश करना पड़ रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि अतीत में भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति समय के मुताबिक नहीं रही। 12वीं पंचयवर्षीय योजना के दृष्टिपत्र में शिक्षा में कौशल उन्नयन की जरूरत पर जोर दिया गया है।

थरूर ने कहा कि निजी क्षेत्र की ओर से गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने के मामले सामने आए हैं। हालांकि मुनाफा कमाने के लिए मैनेजमेंट और इंजीनियरिंग कालेज काफी संख्या में खोले जा रहे हैं। ऐसे चलन पर लगाम लगाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि शिक्षा में आमूलचूल सुधार से जुड़े कई विधेयक संसद में लंबित हैं और उनका मंत्रालय इसे संसद के आगामी सत्र में पारित कराने का प्रयास करेगा।

थरूर ने कहा कि कि बड़ी समस्या यह है कि हमारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति समय के मुताबिक नहीं है। पश्चिम एशिया और चीन विदेशी विश्वविद्यालयों को लुभाने के लिए बहुत कुछ कर रहे हैं ताकि वे उनके देशों में अपने परिसर स्थापित करें जबकि भारत ने हालिया वषो’ में ही कई अकादमिक निवेदनों को खारिज कर दिया। मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री ने कहा कि अगर देश में ही अच्छे उच्च शिक्षा संस्थान स्थापित हों तो कई भारतीय छात्रों को अध्ययन के लिए विदेश जाने की जरूरत नहीं होगी। ‘हम सुधार के हमारे एजेंडे को फिर से पटरी पर लाने के लिए काम करेंगे। (एजेंसी)

First Published: Thursday, November 8, 2012, 19:57

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