गुणवत्ता परीक्षा में 24 फीसदी कॉलेज ही पास

गुणवत्ता परीक्षा में 24 फीसदी कॉलेज ही पास

नई दिल्ली : देश के 33 हजार कालेजों में से महज 24 प्रतिशत ही कालेज गुणवत्ता की परीक्षा में पास हुए हैं जबकि शेष संस्थान इस इम्तिहान में बैठने से बचे रहे। सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है और मूल्यांकन प्रक्रिया को गति प्रदान करने के लिए कुछ और मूल्यांकन एवं संबद्धता एजेंसी गठित करने की योजना बनाई है। साथ ही शैक्षणिक संस्थाओं की गुणवत्ता को उन्हें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से प्राप्त होने वाले वित्तीय अनुदान से जोड़ा जा रहा है।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि कालेजों एवं विश्वविद्यालयों को गुणवत्ता की कसौटी पर परखने के लिए कुछ और मूल्यांकन एवं संबद्धता एजेंसी गठित किए जाने के साथ वर्तमान एजेंसी के क्षमता को बढ़ाने और क्षेत्रीय केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है। अभी राष्ट्रीय संबद्धता मूल्यांकन परिषद (नैक) और नेशनल बोर्ड आफ एक्रिडिटेशन (एनबीए) जैसी एजेंसी के माध्यम से उच्च शिक्षण संस्थाओं का मूल्यांकन किया जाता है। नैक, यूजीसी के तहत मूल्यांकन करने वाली एजेंसी है लेकिन इसके पास संस्थाओं को गुणवत्ता का इम्तिहान नहीं देने वाले कालेजों को दंडित करने का अधिकार नहीं है।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 607 विश्वविद्यालय और 33,002 कालेज हैं। साल 2011 तक यूजीसी अधिनियत की धारा 2 (एफ) के तहत केवल 7,802 कालेज गुणवत्ता की कसौटी पर परखे गए थे। इस तरह से कुल कालेजों में से केवल 24 प्रतिशत संस्थान मूल्यांकन में पास हुए हैं। अधिकारी ने कहा कि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की कवायद के तहत मंत्रालय ने लोकसभा में राष्ट्रीय उच्च शैक्षणिक संस्थान संबद्धता एवं नियामक प्राधिकार विधेयक पेश किया है। इसे संसद में पारित कराने का प्रयास किया जाएगा।

इस विधेयक में विश्वविद्यालय, कालेज, राष्ट्रीय महत्व के शैक्षणिक संस्थान आदि के कामकाज, पाठ्यक्रम आदि का मूल्यांकन एवं आडिट करने के लिए नियामक प्राधिकार का गठन करने का प्रस्ताव किया गया है। विधेयक में कहा गया है कि 12 वर्ष की स्कूली शिक्षा के बाद उच्च शिक्षा प्रदान करने वाले संस्थाओं को आवश्यक रूप से संबद्धता प्राप्त करनी होगी। कृषि शिक्षा एवं शोध संस्थान को हालांकि इसके दायरे से बाहर रखा गया है।

अधिकारी ने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थाओं को मूल्यांकन की कसौटी पर परखने के लिए राज्यों को अपनी भूमिका का निर्वाह करने को कहा गया है। उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की जरूरत समझते हुए राज्यों को प्रारंभ में शैक्षणिक संस्थाओं को मूल्यांकन एवं संबद्धता की प्रकिया से परिचित कराने और फिर नैक की मदद से मूल्यांकन करने के कार्य को आगे बढ़ाने को कहा गया है। राज्य उच्च शिक्षा संस्थाओं को आवश्यक रूप से मूल्यांकन कराने और विश्वसनीय मूल्यांकन एजेंसी गठित करने की जरूरत बतायी गई है। यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है कि राज्य उच्च शिक्षा परिषद नियमित रूप से काम करें।

नैक के निदेशक एच ए रंगनाथ ने कुछ ही दिन पहले उच्च शिक्षण संस्थाओं की स्वायत्ता पर जोर देते हुए इस बात पर चिंता व्यक्त की कि कुछ वर्ष तक स्वायत्त शिक्षण संस्थान के रूप में काम करने के बाद कालेज इसका त्याग कर राज्य विश्वविद्यालय के समक्ष संबद्धता प्राप्त करने लौट आते हैं। शैक्षणिक वर्ष 2010-11 में नैक ने 592 उच्च शिक्षण संस्थाओं को गुणवत्ता की कसौटी पर परखा जिसमें 576 कालेज और 16 विश्वविद्यालय शामिल हैं। (एजेंसी)

First Published: Sunday, November 18, 2012, 11:32

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