गुलबर्ग केस में नई याचिकाएं,SIT को नोटिस - Zee News हिंदी

गुलबर्ग केस में नई याचिकाएं,SIT को नोटिस

ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी

 

अहमदाबाद: गुजरात हिंसा मामले में सौंपी गई एसआईटी की रिपोर्ट पर अगली सुनवाई 13 फरवरी को होगी। इस मामले में जाकिया जाफरी ने कोर्ट से यह पूछा कि क्या एसआईटी की रिपोर्ट मुकम्मल हैं जिस पर जज ने कहा कि अभी तक रिपोर्ट को पढ़ा नहीं गया है।

 

गुजरात दंगों (2002) की जांच से संबद्ध विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दिए जाने की रिपोर्टों के बाद याचिकाकर्ता जाकिया जाफरी ने गुरुवार को इसके खिलाफ याचिका दायर करने की चेतावनी दी, साथ ही रिपोर्ट की प्रति भी मांगी।

 

जाकिया जाफरी मामले में दाखिल एसआईटी की रिपोर्ट की प्रतियां मांगने संबंधी सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और मुकुल सिन्हा की याचिकाओं पर एक मजिस्ट्रेटी अदालत ने  गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त एसआईटी को नोटिस जारी किए। मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट एम एस भट्ट की अदालत ने एसआईटी को नोटिस जारी किए और सुनवाई के लिए 13 फरवरी की तारीख तय की।

 

एसआईटी ने बुधवार को पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया की शिकायत पर सीलबंद लिफाफे में क्लोजर रिपोर्ट सौंपी थी।

 

हालांकि इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि क्लोजर रिपोर्ट में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दी गयी है या नहीं। जाफरी ने अपनी शिकायत में मांग की थी कि सांप्रदायिक दंगों को भड़काने और उनमें मदद करने के मामले में 57 अन्य लोगों के साथ मोदी पर मुकदमा चलाया जाए।

 

दंगों के दौरान गुलबर्ग हाउसिंग सोसायटी कांड में एहसान जाफरी समेत 69 लोगों की मौत हो गयी थी। दंगों में करीब 1200 लोग मारे गये थे।

 

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 12 सितंबर को वर्ष 2002 के दंगों के मामले में मोदी की कथित निष्क्रियता पर कोई आदेश देने से इनकार कर दिया था और एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई का फैसला संबंधित मजिस्ट्रेटी अदालत पर छोड़ा था।

 

जाकिया ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि मोदी और सरकार के 62 आला अधिकारियों ने जानबूझकर प्रदेशभर में भड़के दंगों को रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की। फरवरी, 2002 में गोधरा ट्रेन कांड के बाद दंगे भड़के थे।  सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यदि मजिस्ट्रेट मोदी और अन्य के खिलाफ कार्यवाही रोकने का फैसला करते हैं तब भी उन्हें जाकिया की अर्जी सुननी होगी, जिसने मुख्यमंत्री और अन्य लोगों के खिलाफ शिकायत दाखिल की थी।

 

जाकिया जाफरी ने शीर्ष अदालत से कहा था कि मोदी तथा अन्य पर कार्रवाई नहीं करने के आरोपों के मामले में सीबीआई के पूर्व प्रमुख आरके राघवन की अध्यक्षता वाली समिति को समुचित जांच करनी चाहिए। शीर्ष अदालत ने 2009 में मामले में जांच का काम एसआईटी को सौंप दिया था जिसने 2011 में अपनी रिपोर्ट सौंपी।

First Published: Friday, February 10, 2012, 09:34

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