Last Updated: Monday, March 12, 2012, 15:45
नई दिल्ली : प्रस्तावित ‘राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र’ (एनसीटीसी) का छह गैर कांग्रेसी राज्यों ने सोमवार को इस आधार पर सख्त विरोध किया कि इसके पास राज्य पुलिस पर नियंत्रण करने की शक्ति है, जो अस्वीकार्य है।
मध्यप्रदेश, गुजरात, ओड़िशा, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक के अधिकारियों ने गृहसचिव आरके सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को यहां हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र (एनसीटीसी) का विरोध किया। बैठक में राज्यों के मुख्य सचिव, गृह सचिव और पुलिस प्रमुख मौजूद थे।
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस शासित राज्यों से एनसीटीसी के लिए समर्थन मिला है।
केंद्र ने एनसीटीसी के इस साल एक मार्च से कार्यान्वयन को रोक दिया और गैर कांग्रेस मुख्यमंत्रियों के सख्त विरोध के बाद राज्य सरकारों से इस मुद्दे पर चर्चा की। विरोध करने वाले राज्यों का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिकारियों ने सोमवार की बैठक में एनसीटीसी के ‘नियंत्रकारी प्रकृति’ पर अपनी आपत्ति जताई। उन्होंने इसे गलत, अनुचित और अस्वीकार्य बताया।
राज्यों के प्रतिनिधियों ने यह कहते हुए इस कदम का विरोध किया कि खुफिया ब्यूरो (आईबी) पहले ही यह काम कर रहा है और प्रस्तावित एनसीटीसी में गिरफ्तारी का अधिकार देने की कोई जरूरत ही नहीं है। इन राज्यों की चिंताओं को सुनने के बाद गृह सचिव ने कहा, हम आपकी चिंताओं को संज्ञान में लेते हैं और उनपर ध्यान दिया जाएगा। बैठक में राज्यों के आतंकवाद निरोधक इकाइयों के प्रमुख भी मौजूद थे। एक दर्जन से अधिक मुख्यमंत्रियों ने एनसीटीसी के गठन का विरोध करते हुए कहा है कि इससे देश के संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचेगा।
ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे.जयललिता ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कहा है कि वह इस मुद्दे पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्रियों की एक बैठक बुलाएं। ओड़िशा के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि इस एजेंसी को कार्यान्वित किए जाने से पहले मुख्यमंत्रियों से इस मुद्दे पर चर्चा की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अपने मौजूदा रूप में एनसीटीसी राज्यों की शक्तियों को कम कर देगा और यह स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि गृह सचिव की अध्यक्षता में बैठक होने की बजाय आपके द्वारा मुख्यमंत्रियों की एक बैठक बुलाकर राष्ट्र की सुरक्षा के इस अहम मुद्दे से जुड़ी चिंताओं को दूर किया जाना चाहिए।
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इसी तरह की आपत्ति जताई। उनकी आशंकाओं को दूर करने की कोशिश के तहत गृहमंत्री पी चिदंबरम ने 10 गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर आश्वासन दिया था कि राज्यों से परामर्श करने के बाद ही एनसीटीसी पर अगला कदम उठाया जाएगा।
गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने राज्यों की उस आशंका को दूर करने की कोशिश की जिसके बारे में राज्यों का कहना है कि एनसीटीसी को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून की धारा 43 (ए) से लैस करने से राज्यों के अधिकारों में दखलंदाजी होगी । कानून की धारा 43 (ए) के तहत कोई अधिकारी गिरफ्तारी और तलाशी कर सकता है। (एजेंसी)
First Published: Monday, March 12, 2012, 21:16