Last Updated: Friday, March 23, 2012, 11:24
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट
ने 2002 के गुजरात दंगों के मामले में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को पूछताछ के लिए बुलाने के लिहाज से नानावटी आयोग को निर्देश देने की याचिका पर आयोग तथा गुजरात सरकार से जवाब मांगने के 19 मार्च के अपने फैसले को शुक्रवार को वापस ले लिया।
न्यायमूर्ति डीके जैन और न्यायमूर्ति एके दवे की पीठ ने आज कहा कि हम 19 मार्च, 2012 के अपने फैसले को वापस ले रहे हैं। पीठ ने मामले की नई सिरे से सुनवाई के लिए सोमवार का दिन तय किया। शीर्ष अदालत ने वरिष्ठ वकील कालिन गोंसाल्विस को यह सूचित कर फैसला सुनाया कि उसने मामला गोधरा कांड के बाद हुए दंगों से जुड़ी दो अन्य याचिकाओं से जुड़ा माना था।
शीर्ष अदालत ने 19 मार्च को आयोग को तथा राज्य सरकार को नोटिस जारी कर उनसे चार सप्ताह में जवाब मांगे थे। पीठ ने एनजीओ जन संघर्ष मंच की याचिका पर फैसला सुनाया था जिसने आयोग को मोदी को पूछताछ के लिए बुलाने का निर्देश देने की मांग की थी। एनजीओ ने दलील दी थी कि आयोग को मोदी को बुलाना चाहिए क्योंकि मुख्यमंत्री की भूमिका आयोग के जांच के दायरे में आती है।
2002 में गोधरा ट्रेन कांड के बाद नानावटी आयोग का गठन किया गया था। इससे पहले उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल ने 2010 में मोदी से 2002 के दंगों के बारे में करीब 10 घंटे तक पूछताछ की थी।
(एजेंसी)
First Published: Friday, March 23, 2012, 19:55