Last Updated: Tuesday, January 3, 2012, 08:41
भोपाल : राज्य सरकार के बहुप्रतीक्षित मध्यप्रदेश गौ-वंश वध प्रतिशेध (संशोधन) विधेयक 2010 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद अधिनियम का राजपत्र में प्रकाशन कर दिया गया है।
राज्य सरकार ने गौ-वंश के संरक्षण और संवर्धन की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए मध्यप्रदेश गो-वंश प्रतिषेध अधिनियम 2004 की कमियों को दूर करने और कठिनाइयों का निराकरण कर विभिन्न उपबंधों को सख्त बनाने के लिये वर्ष 2010 में संशोधन विधेयक पारित कर विधानसभा में पारित कराया था।
संशोधन अधिनियम के लागू होने के बाद प्रदेश में गौ-वंश वध के आरोपियों को अपने खिलाफ होने वाले अभियोजन को गलत प्रमाणित करना होगा। इसी तरह अब गौ-वंश वध अपराध पर तीन वर्ष की सजा और 10 हजार रुपये के जुर्माने की जगह सात वर्ष की सजा और न्यूनतम 5000 रुपये के जुर्माने के साथ न्यायालय द्वारा राशि निर्धरित करने का प्रावधान है।
अब गौ-वंश के अवैध परिवहन में संलग्न वाहन के मालिक को भी आपराधिक प्रकरण के दायरे में लाया जा सकेगा। इसके अलावा गौ-वंश के वध का प्रतिषेध के अंतर्गत यह प्रावधान भी शामिल किया गया है कि कोई भी व्यक्ति, किन्हीं भी साधनों से, किसी गौ-वंश का न तो वध करेगा, न वध करवाएगा।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, January 3, 2012, 14:11