‘ग्वादर बंदरगाह पर चीन की मौजूदगी चिंतनीय’

‘ग्वादर बंदरगाह पर चीन की मौजूदगी चिंतनीय’

‘ग्वादर बंदरगाह पर चीन की मौजूदगी चिंतनीय’ बेंगलूरु: रक्षा मंत्री एके एंटनी ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान का सामरिक महत्व के ग्वादर बंदरगाह को चीन को सौंपने का फैसला भारत के लिए ‘गंभीर चिंता’ का विषय है।

उन्होंने यहां एयरो इंडिया प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि चीनी अब पाकिस्तान के अनुरोध पर बंदरगाह का निर्माण कर रहे हैं। एक वाक्य में मैं कह सकता हूं कि यह हमारे लिए चिंता का विषय है। मेरा उत्तर सरल और सीधा है। मंत्री मीडिया के उस सवाल का जवाब दे रहे थे जिसमें उनसे पूछा गया था कि क्या पाकिस्तान में ग्वादर बंदरगाह चीन को सौंपे जाने से भारत का पश्चिमी सीमांत क्षेत्र अधिक संवेदनशील हो जाएगा।

ग्वादर बंदरगाह रणनीतिक स्थान पर स्थित है और यह अरब सागर के शीर्ष और फारस की खाड़ी के मुख पर स्थित है। यह हुरमुज जलडमरूमध्य से भी महज 400 किलोमीटर की दूरी पर है। मंत्री का बयान चीन की सरकारी मीडिया की उस रिपोर्ट की पृष्ठभूमि में आया है जिसमें कहा गया है कि बंदरगाह का विकास चीनी पक्ष की ओर से भारत को घेरने का प्रयास नहीं है।

पाकिस्तान ने हाल में एक सौदे को मंजूरी दी थी जो ग्वादर बंदरगाह के परिचालनात्मक नियंत्रण को सिंगापुर के पीएसए इंटरनेशनल से चाइनीज ओवरसीज पोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड को स्थानांतरित करता है।चीन के विदेश मंत्रालय ने ग्वादर बंदरगाह के परिचालन का अधिग्रहण करने के बीजिंग के फैसले का भी बचाव किया था क्योंकि यह दोनों देशों के बीच लगातार सहयोग का हिस्सा है। श्रीलंका में बंदरगाहों को धन मुहैया कराने के अलावा चीन से बांग्लादेश में भी बंदरगाह बनाने में मदद के लिए संपर्क किया है।

यह पूछे जाने पर कि जब अमेरिकी सैनिक 2014 में अफ-पाक क्षेत्र से हट जाएंगे तो उसके बाद की स्थिति से निपटने के लिए भारत क्या तैयारी कर रहा है तो एंटनी ने कहा कि अमेरिकी सैनिकों के अफगानिस्तान से हटने के पहले भी हमारे समक्ष भूराजनैतिक स्थिति बेहद गंभीर है और सरकार इससे वाकिफ है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हम कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिकी और अन्य सैनिकों का 2014 से वहां से हटना हमारे लिए गंभीर चिंता का विषय है। हम अपनी सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठा रहे हैं। हमारे सशस्त्र बल अपनी सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठा रहे हैं। हमारे सशस्त्र बल किसी भी चुनौती का सामना करने को आश्वस्त हैं और हम उन्हें इस उद्देश्य के लिए सुसज्जित कर रहे हैं। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, February 6, 2013, 20:50

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