Last Updated: Saturday, May 4, 2013, 22:34
नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने रेल मंत्री पवन कुमार बंसल के भांजे विजय सिंगला को कथित रिश्वत के मामले में शनिवार को चार दिनों की सीबीआई हिरासत में भेज दिया। अदालत ने कहा कि ‘वास्तविक लाभार्थियों’ और दूसरे साजिशकर्ताओं का पता लगाना जरूरी है।
विशेष सीबीआई न्यायाधीश स्वर्णकांत शर्मा ने सिंगला के अलावा संदीप गोयल, धर्मेंद्र कुमार और विवेक कुमार को भी 7 मई तक हिरासत में भेज दिया ताकि जांच एजेंसी उनसे पूछताछ कर सके। न्यायाधीश ने कहा, ‘मेरा मानना है कि सिर्फ चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि प्राथमिकी में आठ लोगों को नामित किया गया है। गिरफ्तार किए गए दो लोगों को दिल्ली लाया जाना बाकी है।’
उन्होंने कहा, ‘अपराध की प्रवृति को देखते हुए मेरा विचार यह है कि हिरासत में लेकर पूछताछ करना न सिर्फ रिश्वत के पैसे के स्रोत का पता लगाने के लिए जरूरी है, बल्कि इसके लिए भी आवश्यक है कि कौन लोग वास्तविक लाभार्थी हैं। यह पता लगाने के लिए भी जरूरी है कि इस मामले में दूसरे साजिशकर्ता कौन हैं।’ न्यायाधीश ने आरोपोपियों को चार दिनों की हिरासत में भेज दिया सीबीआई ने सभी चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने शुक्रवार को रेलवे बोर्ड के सदस्य (स्टाफ) महेश कुमार और सात अन्य लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण कानून और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत एक मामला दर्ज किया। उनके खिलाफ आकर्षक पद हासिल करने के लिए रिश्वत देने का आरोप लगाया गया है।
सुनवाई के दौरान सीबीआई ने अदालत से कहा कि मामले में महेश कुमार मुख्य आरोपी हैं और उन्हें मुंबई में गिरफ्तार कर लिया गया है। सीबीआई ने कहा कि सीजी ट्रोनिक्स इंडिया प्रा. लि. के प्रबंध निदेशक नारायण राव मंजूनाथ महेश कुमार के साथ नियमित संपर्क में थे। षड्यंत्र का जिक्र करते हुए एजेंसी ने कहा कि महेश कुमार को सदस्य (इलेक्ट्रिकल) पद पर नियुक्ति के लिए 10 करोड़ रपए में सौदा हुआ था और उसके एक हिस्से के रूप में 90 लाख रुपए का भुगतान किया गया था।
सीबीआई ने कहा कि 90 लाख रुपए की पहली किस्त सिंगला को दी गयी थी और सिंगला को राशि स्वीकार करते समय पकड़ लिया गया। सीबीआई ने उन्हें हिरासत में दिए जाने की मांग करते हुए कहा कि मामले में बड़ा षड्यंत्र है और इसमें कई अन्य लोग भी शामिल हैं। उसने कहा कि मामला अभी शुरुआती चरण में है और वे अन्य लोगों से पूछताछ करना चाहते हैं ताकि पूरे षड्यंत्र का खुलासा हो सके।
एजेंसी ने कहा कि अभी तक सिर्फ 90 लाख रुपए ही बरामद किए गए हैं और अन्य राशि के बारे में पता करने के लिए सभी आरोपियों से हिरासत में पूछताछ अनिवार्य है। एजेंसी ने कहा, ‘हम जांच करना चाहते हैं कि किसे फायदा होना था। इस मामले में शामिल अन्य लोगों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए पुलिस हिरासत की आवश्यकता है।’ मंजूनाथ का जिक्र करते हुए एजेंसी ने अदालत से कहा कि वह मुख्य फिनांसर हैं और उन्हें बेंगलुरु में गिरफ्तार किया गया है।
सुनवाई के दौरान सीबीआई ने अदालत से कहा कि उन्हें पूरे षड्यंत्र के खुलासे के लिए समीर सिंघानी और राहुल नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार करने की जरूरत है और इसके लिए आरोपियों से हिरासत में पूछताछ आवश्यक है। रिश्वत मामले के चार आरोपियों की ओर से पेश बचाव पक्ष के वकील ने सीबीआई के अनुरोध का विरोध किया और कहा कि उनके मुवक्किल को जो जानकारी है, वह उन्होंने एजेंसी को बता दी है। उन्होंने कहा कि उनके पास और कोई जानकारी नहीं है जो जांच अधिकारियों को बतायी जा सके।
सिंगला की ओर से पेश वकील ने अदालत में कहा कि सीबीआई जिस 90 लाख रुपए बरामद करने का दावा कर रही है, वह उन्हें कोई भूमि सौदे के लिए दी गई थी और इसका महेश कुमार की नियुक्ति से कोई मतलब नहीं है। सुनवाई के दौरान कुछ वकीलों ने कार्यवाही को बाधित करते हुए कहा कि सीबीआई को रेल मंत्री पवन बंसल को हिरासत में लिया जाना चाहिए। लेकिन अदालत ने वकीलों की मांगों को सुनने से इंकार कर दिया और कहा कि यह मामला उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, May 4, 2013, 18:44