'चप्‍पल ही नहीं, गोली खाने को भी तैयार' - Zee News हिंदी

'चप्‍पल ही नहीं, गोली खाने को भी तैयार'

 

नई दिल्ली/रालेगण सिद्धि : गांधीवादी कार्यकर्ता अन्‍ना हजारे ने अपनी टीम के एक अहम सदस्‍य अरविंद केजरीवाल पर मंगलवार रात लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान चप्‍पल से हुए हमले की घटना की कड़ी निंदा की है। उन्‍होंने कहा कि हम चप्‍पल ही नहीं, गोली खाने के लिए भी तैयार हैं। गौर हो कि अन्‍ना इन दिनों अपने गांव रालेगण सिद्धि में हैं और मौन व्रत धारण किए हुए हैं।

 

उन्‍होंने केजरीवाल पर चप्‍पल से वार किए जाने के वाकये पर लिखित प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त करते हुए कहा कि यह घटना बहुत ही दुर्भाग्‍यपूर्ण है। गौर हो कि कुछ दिन पहले ही अन्‍ना टीम के एक और सदस्‍य प्रशांत भूषण के साथ सुप्रीम कोर्ट के चैंबर में मारपीट की गई थी।

 

साथ ही, अन्ना ने अपनी टीम के दो प्रमुख सदस्यों के टीम से अलग होने के बीच अपने आलोचकों पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अपने आंदोलन के बारे में असंगत तथा अतार्किक बातों पर ध्यान नहीं देते। हजारे ने अपने मौनव्रत के दौरान ताजा ब्लॉग संदेश में लिखा है, ‘मेरे आंदोलन से राजनीतिक गलियारों में असंगत बातचीत शुरू हो गई है और मैं उन पर ध्यान नहीं देता।’ अन्‍ना ने कहा कि यदि उनका स्‍वास्‍थ्‍य ठीक रहा तो वे शीघ्र ही लखनऊ जाएंगे। जहां टीम अन्‍ना के सदस्‍य उत्‍तर प्रदेश में जनसभाएं कर रहे हैं।

 

उन्होंने कहा कि मैंने अतार्किक विचारों को और राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण सामने आए बयानों को सुना है और ये पिछले 30 साल से मेरे जीवन का हिस्सा रहे हैं। इससे मेरी विचारधारा प्रभावित नहीं होगी। इससे मुझे अपने चुने हुए रास्ते पर चलने की शक्ति मिलती है और मैं चलता रहूंगा।

 

अन्‍ना ने कहा कि यह एक बार फिर साबित हो गया है कि एक सामाजिक कार्यकर्ता को अपना अहम एक तरफ रखकर अपमान सहन करना चाहिए। 74 वर्षीय गांधवादी ने किसी का नाम लिए बिना लिखा है, ‘तभी आपके लिए समाजसेवी के तौर पर राष्ट्र के लिए कुछ सकारात्मक काम करना संभव है। लोग हमेशा फलों से लदे पेड़ों पर पत्थर मारते हैं और सूखे दरख्तों पर पत्थर फेंकना बेकार है।’

 

अन्‍ना ने यह भी कहा कि हमेशा सच के रास्ते पर चलना चाहिए क्योंकि सच सर्वोच्च है। किसी में सचाई को गलत साबित करने का साहस नहीं है। उनके बयान से पहले कल सामाजिक कार्यकर्ता पीवी राजगोपाल और राजेंद्र सिंह उनके आंदोलन को राजनीतिक शक्ल लेता हुआ बताकर इससे अलग हो गए। कांग्रेस और शिवसेना जैसे दलों ने समय-समय पर अन्ना हजारे के आंदोलन की आलोचना की है।

(एजेंसी)

First Published: Thursday, October 20, 2011, 13:18

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