Last Updated: Sunday, April 1, 2012, 05:40
नई दिल्ली: इटली की ओर से दबाव डाले जाने के बावजूद केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने दो इतालवी मरीन को मुकदमे के लिए उनके देश भेजने से इंकार किया है। इन दोनों मरीन को कथित तौर पर दो मछुआरों की हत्या करने को लेकर गिरफ्तार किया गया था।
चांडी ने यह साफ कर दिया कि यह अपराध भारतीय जलक्षेत्र में किया गया था और दो इतालवी मरीन को निश्चित तौर पर भारतीय कानून का सामना करना चाहिए।
उनका बयान ऐसे समय में आया है जब इटली केंद्र और राज्य सरकार दोनों पर मुकदमे के लिए दोनों मरीनों को अपने गृह देश स्थानांतरित करने के लिए दबाव डाल रहा है। इतालवी रक्षा मंत्री गियाम पाओलो डि पाओलो ने इस मुद्दे पर दबाव बनाने के लिए चांडी से मुलाकात की।
एनरिका लेक्सी जहाज पर सवार मरीन लातूर मस्सीमिलियानो और सालवाटोर गिरोनी को केरल में 15 फरवरी को दो मछुआरों की गोली मारकर हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
इतालवी वकील ने दोनों मरीन के खिलाफ प्राथमिकी को निरस्त कराने के लिए केरल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। चांडी ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय न्यायपालिका बेहद निष्पक्ष, बेहद खुली और बेहद स्वतंत्र है और आरोपी इस देश में न्याय मांग सकते हैं।
यह पूछे जाने पर कि कूटनीतिक आधार पर अगर राज्य सरकार ने केंद्र को प्रभावित करने की कोशिश की तो वह क्या करेंगे तो इसपर मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि वह अपना रुख नहीं बदलेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्य को पूरा समर्थन दे रही है। साथ ही चांडी ने कहा कि इटली मित्र देश है और वह चाहते हैं कि कूटनीतिक संबंध जारी रहे। दोनों मरीन की गिरफ्तारी के बाद से ही भारत और इटली के संबंध में तनाव है।
(एजेंसी)
First Published: Sunday, April 1, 2012, 11:11