Last Updated: Tuesday, April 24, 2012, 11:43
ज़ी न्यूज ब्यूरो नई दिल्ली : वर्ष 2014 के आम चुनावों की तैयारी के क्रम में कांग्रेस एवं संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में जहां फेरबदल की अटकलें लगाई जा रही हैं, वहीं सरकार में शामिल कांग्रेस के चार मंत्रियों ने कथित रूप से अपना पद छोड़ने की पेशकश की है। सूत्रों के अनुसार, अपना पद छोड़ने और इस्तीफे की पेशकश करने वाले मंत्रियों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व्यालार रवि, सलमान खुर्शीद, गुलाम नबी आजाद और जयराम रमेश शामिल हैं। केंद्र की संप्रग सरकार में बदलाव और कांग्रेस के चार मंत्रियों की ओर से इस्तीफा देने की पेशकश से जुड़ी खबरों से मंगलवार को अटकलबाजी का बाजार गर्म रहा।
सूत्रों के अनुसार, जयराम रमेश, सलमान खुर्शीद, गुलाम नबी आजाद और वायलार रवि ने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को लिखा है कि वे सरकार से अलग होकर पार्टी के लिए काम करना चाहते हैं। गौरतलब है कि आजाद पहले से ही कांग्रेस महासचिव के पद पर हैं। उधर, प्रवासी मामलों के मंत्री वायलार रवि ने इस तरह का कोई भी पत्र लिखने से इनकार किया और कहा कि वो उस काम से खुश हैं, जिसे वो कर रहे हैं। ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने कहा है कि उन्होंने पद छोड़ने और पार्टी के लिए काम करने के लिए कोई पत्र नहीं लिखा है।
हालांकी रमेश और खुर्शीद ने आज शाम सोनिया के आवास पर उनसे मुलाकात की और इस मुलाकात में हुई बातचीत के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है। उधर, कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने एक बयान में कहा कि मेरी जानकारी में ऐसी कोई बात नहीं है। पार्टी में अब तक कोई फैसला नहीं किया गया है। ऑस्कर फर्नांडीस से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पार्टी में फेरबदल होते रहते हैं।
सूत्रों का कहना है कि कानून और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री खुर्शीद ने पिछले महीने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद ही सोनिया को पत्र लिख कर पार्टी की हार के बाद की स्थिति के बारे में बताया था।
ऐसा कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता खुर्शीद ने इन चुनाव में मिली हार के बाद मंत्री पद छोड़ पार्टी के लिए काम करने का प्रस्ताव रखा है। इन खबरों का खंडन करते हुए वयालार रवि ने कहा कि मैंने कोई पत्र नहीं लिखा है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें आंध्र प्रदेश के मामलों को देखने को कहा गया है, क्योंकि आजाद वहां नहीं जा पा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, सोनिया गांधी ने इस मुद्दे पर दस जनपथ पर प्रणब मुखर्जी, एके एंटनी, पी. चिदंबरम और अहमद पटेल से बातचीत की है। इस दौरान पवन कुमार बंसल और वी. नारायणसामी भी मौजूद थे। पार्टी के सूत्रों का मानना है कि सरकार और पार्टी में कोई भी बदलाव संसद के वर्तमान सत्र के बाद हो सकता है। इस वक्त तक उत्तर प्रदेश, पंजाब और गोवा के चुनावों में मिली हार पर एंटनी समिति की रिपोर्ट भी आ जाने की संभावना है।
केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद एवं प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री वी. नारायणसामी ने यह कहते हुए कि पार्टी पहले आती है, कथित रूप से अपना पद छोड़ने की पेशकश की है। सूत्रों ने बताया कि जारी बजट सत्र के 22 मई को समाप्त होने के बाद कैबिनेट एवं कांग्रेस में फेरबदल हो सकता है। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की अगुवाई करने वाले खुर्शीद ने कहा कि यदि उन्हें पद छोड़ने के लिए कहा जाता है तो वह पार्टी की सेवा में दोबारा जुट जाएंगे।
खुर्शीद ने कहा कि पार्टी पहले आती है लेकिन एक नेता की योग्यता परखने के लिए सरकार सबसे उपयुक्त मंच होती है। नारायणसामी ने पत्रकारों से कहा कि प्राथमिकता में पार्टी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सरकार अथवा पार्टी में जो पद उन्हें सौंपेंगी वह अंतिम होगा।
First Published: Wednesday, April 25, 2012, 11:51