चार में से एक भारतीय नाश्ता नहीं करता : अध्ययन

चार में से एक भारतीय नाश्ता नहीं करता : अध्ययन

मुंबई : अनाज के विभिन्न उत्पाद बनाने वाली कैलाग्स इंडिया के एक सर्वेक्षण में दावा किया गया है कि देश के महानगरों में चार में से एक भारतीय नाश्ता नहीं करता है जिसके चलते वह दीर्घकालिक बीमारियों की चपेट में आ सकता है।

यह अध्ययन निर्मला निकेतन, मुंबई के कालेज ऑफ होम साइंस के जरिए करवाया गया है। इसके अनुसार 27 प्रतिशत भागीदारों का कहना है कि वे समय की कमी या वजन बढ़ने की चिंता में नाश्ता गोल कर जाते हैं। अध्ययन में केवल तीन प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे नाश्ते को दिन का अभिन्न हिस्सा मानते हैं।

इसके अनुसार दिल्ली में लोग नाश्ते में सबसे अधिक परांठे को पसंद करते हैं जबकि चेन्नई में इडली व डोसा पसंद है। मुंबई व कोलकाता में लोगों ने नाश्ते में ब्रेड, मिल्क तथा अंडों को पसंद किया। यह अध्ययन 2009 में शुरू हुआ था और इसमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता तथा चेन्नई के 3,619 प्रतिभागी लिए गये।

संस्थान में अनुसंधान निदेशक एम शिवरामकृष्णन ने संवाददाताओं से कहा, जो लोग नाश्ता करते हैं उनके नाश्ते में भी लौह तथा फाइबर की कमी पाई गई है। पोषक तत्वों के हिसाब से सबसे अच्छा नाश्ता करने वाले महानगरों में चेन्नई पहले नंबर पर है। इसके बाद दिल्ली, मुंबई तथा कोलकाता है।

अध्ययन में पाया गया है कि नाश्ता नहीं करने की प्रवृत्ति किशोरों (13-17 साल) तथा महिलाओं में सबसे अधिक पाई गई है। कैलोग्स इंडिया की प्रबंध निदेशक संगीता पेंडुरकर ने कहा कि कंपनी नाश्ते के फायदों के बारे में लोगों को जागरक करेगी। (एजेंसी)

First Published: Monday, August 26, 2013, 19:15

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