Last Updated: Thursday, March 29, 2012, 15:31
नई दिल्ली : सेना प्रमुख और सरकार के बीच टकराव के गुरुवार को भी कम होने का संकेत नहीं मिला। जहां सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने रक्षा तैयारियों पर अपने पत्र के लीक होने को देशद्रोह करार दिया, वहीं सरकार ने वादा किया है कि वह इसके लिए जिम्मेदार लोगों को अधिकतम सजा देगी। जनरल सिंह की ओर से रक्षा तैयारियों के अभाव की शिकायत करते हुए प्रधानमंत्री को गत 12 मार्च को लिखे गए पत्र के लीक होने को लेकर विवाद के जारी रहने के बीच उन्होंने एक कठोर शब्दों वाला वक्तव्य जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि पत्र लीक के स्रोत के साथ बेरहमी से निपटा जाना चाहिए।
सेना मुख्यालय द्वारा जारी संक्षिप्त बयान में सेना प्रमुख ने कहा कि उनका प्रधानमंत्री तथा रक्षा मंत्री के साथ आधिकारिक पत्राचार ‘विशिष्ट’ प्रकार का है। सिंह फिलहाल जम्मू कश्मीर में हैं। 31 मई को सेवानिवृत्त हो रहे जनरल सिंह ने कहा, ‘चिट्ठी लीक होने को देशद्रोह का कृत्य समझा जाना चाहिए। उनकी छवि खराब करने का बेतुका रूख बंद होना चाहिए। पत्र लीक करने वाले का पता लगाया जाना चाहिए और उससे सख्ती से निपटा जाना चाहिए।
दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने जनरल सिंह द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र को लीक करने के लिए जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ कानून के तहत ‘कठोरतम कार्रवाई’ करने का संकल्प जताया। उन्होंने कहा कि खुफिया ब्यूरो से कहा गया है कि वह पत्र लीक होने के मामले की जांच करे। उन्होंने कहा कि सरकार इसकी जड़ तक जाएगी और ‘राष्ट्र विरोधी’ कृत्य के पीछे शामिल लोगों का पता लगाएगी। एंटनी ने कहा कि कोई भी देशभक्त भारतीय संवेदनशील पत्राचार को लीक करने में शामिल नहीं होगा क्योंकि इससे सिर्फ दुश्मनों को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट यथाशीघ्र उपलब्ध होगा।
उन्होंने कहा कि मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि हम इसे वहीं नहीं छोड़ेंगे। हम असली गुनहगारों का पता लगाने का हरसंभव प्रयास करेंगे जिसने यह राष्ट्र विरोधी गतिविधि की है और उन्हें भारतीय दंड संहिता के तहत अधिकतम सजा दी जाएगी। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार जनरल सिंह को हटाने की मांग पर कार्रवाई करेगी तो इस पर एंटनी ने कहा कि सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों को सरकार का विश्वास हासिल है। वे काम कर रहे हैं। अन्यथा वे कैसे काम कर सकते थे।
एंटनी से पूछा गया था कि क्या सरकार सिंह के विवादों के घेरे में होने के बाद भी उन्हें उनके सेवानिवृत्त होने तक पद पर बनाये रखेगी अथवा उनसे छुट्टी पर जाने को कहेगी। सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों पर विश्वास जताने वाला रक्षा मंत्री का बयान जम्मू से जनरल सिंह द्वारा जारी उस बयान के कुछ ही समय बाद आया जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके पत्र के लीक होने को ‘देशद्रोह’ की तरह लिया जाय और उसके स्रोत के साथ ‘कड़ाई ’ से निपटा जाए।
उम्र विवाद में कानूनी लड़ाई हारने के बाद से जनरल सिंह का सरकार के साथ गतिरोध चल रहा है। उन्होंने मीडिया को दिए साक्षात्कार में आरोप लगाया था कि उन्हें एक रक्षा सौदे को लेकर 14 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी। इस मुद्दे पर कड़वाहट के बीच प्रधानमंत्री को लिखा उनका गुप्त पत्र लीक हो गया। इससे सांसदों और राजनैतिक दलों को आक्रोशित कर दिया। उनमें से कुछ ने उन्हें पद से हटाने की मांग की।
सरकार को फिर परेशानी में डालने वाले एक घटनाक्रम में आज दिल्ली के एक अखबार में एक रिपोर्ट आयी है कि जनरल सिंह ने लेफ्टिनेंट जनरल दलबीर सिंह सुहाग के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद की भ्रष्टाचार संबंधी शिकायत को सीबीआई को प्रेषित किया था। सुहाग दीमापुर स्थित तीसरी कोर के कमाण्डर हैं और सिंह के उत्तराधिकारी के बाद सेनाध्यक्ष पद पर प्रोन्नत किए जा सकने वाले संभावितों की कतार में उनका नाम है।
शुरूआत में एंटनी ने सेना प्रमुख से जुड़े सवालों को टालने की कोशिश की और पत्रकारों से सेना को विवाद में नहीं लाने और संस्था को नुकसान नहीं पहुंचाने का अनुरोध किया। यह पूछे जाने पर कि क्या उनको लग रहा है कि विश्वासघात हुआ है तो इसपर एंटनी ने कहा कि वह अपनी व्यक्तिगत भावना का खुलासा नहीं करना चाहेंगे और उनका फैसला तथ्यों के आधार पर होगा।
(एजेंसी)
First Published: Friday, March 30, 2012, 12:10