Last Updated: Sunday, December 18, 2011, 06:56
नई दिल्ली : गृह मंत्री पी चिदंगबरम ने रविवार को मुल्लापेरियार बांध से संबंधित उपचुनाव से जुड़े बयान को वापस ले लिया जिसके कारण केरल में हंगामे की स्थिति उत्पन्न हो गई थी।
चिदंबरम ने अपने बयान में कहा, ‘ अन्य वक्तरओं की तरह मैंने भी आगामी उपचुनाव के संदर्भ में कुछ कहा। मैं उस बयान को वापस लेता हूं।’ उन्होंने कहा कि ऐसा कहना जरूरी नहीं था लेकिन मेरा इरादा किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं था।
उन्होंने कहा, ‘ मैं मानता हूं कि इस मुद्दे का समाधान दोनों राज्यों के लोगों को सहयोग और आपसी भाइचारे की भावना से करना चाहिए।’ गृह मंत्री ने केरल और तमिलनाडु के लोगों से अपील की कि वे कांग्रेस पार्टी की कल की बैठक में दिये गए उनके भाषण को पूरा पढ़ें।
चिदंबरम ने अपने बयान में कहा, ‘ मैं सभी लोगों से अपील करता हूं कि वे संयम और मर्यादा के साथ काम करें। मैंने कहा था कि बांध की सुरक्षा के बारे में चिंता व्यक्त करना सही नहीं है लेकिन हमारी जिम्मेदारी है कि बांध की सुरक्षा के बारे में आशंकाओं को दूर करें।’
उन्होंने कहा, ‘ मैंने कहा था कि बांध की सुरक्षा की चिंता न केवल केरल बल्कि तमिलनाडु को भी करनी है क्योंकि तमिलनाडु पानी के लिए बांध पर निर्भर है। मैं सभी लोगों से तीन न्यायाधीशों की समिति की रिपोर्ट और उच्चतम न्यायालय के निर्णय का इंतजार करने की अपील करता हूं।’
गृह मंत्री ने शनिवार को अपने भाषण में कहा था कि बांध की सुरक्षा के बारे में केरल सरकार की चिंता अनावश्यक है और दावा किया था कि यह उपचुनाव के कारण है।
बहरहाल, केरल में पार्टी लाइन से इतर सभी राजनीतिक दलों ने चिदंबरम के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।
माकपा नेता और राज्य में विपक्ष के नेता वी एस अच्युतानंदन ने चिदंबरम को मंत्रिमंडल से हटाये जाने की मांग की थी। कुछ कांग्रेस नेताओं ने भी इस बयान की आलोचना की है।
(एजेंसी )
First Published: Sunday, December 18, 2011, 15:06