Last Updated: Monday, July 30, 2012, 19:53

कोकराझार : केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने असम के हिंसा प्रभावित कोकराझार जिले के एक शरणार्थी शिविर में पीड़ितों से आज मुलाकात की और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया। चिदम्बरम एक विशेष हेलीकाप्टर से गुवाहाटी से यहां पहुंचे । वे यहां टीटागुरी हाईस्कूल में एक शिविर में शरणार्थियों से मिले। दो दिन पहले प्रधानमंत्री ने जिले का दौरा कर 300 करोड रूपये के राहत पैकेज की घोषणा की थी।
चिदंबरम ने असम के हिंसा प्रभावित इलाकों में लोगों से शांति से रहने को कहा और आश्वासन दिया कि हिंसा में तबाह हुए लोगों के घरों का पुनर्निर्माण करने में केंद्र और राज्य सरकार हरसंभव मदद प्रदान करेगी। असम के अशांत इलाकों में एक दिन के दौरे पर पहुंचे चिदंबरम ने प्रदेश के अधिकारियों को यह निर्देश भी दिया कि लोगों को कपड़ा, भोजन और दवाओं समेत बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जाएं।
चिदंबरम के साथ पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मामलों के केन्द्रीय राज्य मंत्री पवन सिंह घाटोवार और राज्य के परिवहन मंत्री चंदन ब्रह्मा भी थे। चिदम्बरम जिले के शीर्ष अधिकारियों से मिलेंगे । उम्मीद है कि वे धुबरी जिले के शरणार्थी शिविरों में भी जाएंगे। एक अन्य घटनाक्रम में सरकार ने कोकराझार और चिरांग जिलों के उपायुक्तों को हटा दिया है। एक प्रशासनिक फेरबदल में टेरिटोरियल एरियाज डिस्ट्रिक्ट (बीटीएडी) कोकराझार के डीसी डी गिल्फिलोन और चिरांग के डीसी यू एन बोरा को हटा दिया गया है। राष्ट्रीय माध्यमिक श्क्षिा अभियान मिशन के निदेशक जयंत नारलेकर कोकराझार के नये डीसी होंगे।
गुवाहाटी म्यूनिसिपल कापरेरेशन के आयुक्त पुरु गुप्ता को चिरांग का नया डीसी बनाया गया है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जितने भी लोगों से मैंने बात की , वे सभी अपने गांवों में लौटने को उतावले हैं। हालांकि स्वाभाविक है कि वे सुरक्षा के साथ अपने घरों का पुनर्निर्माण भी चाहते हैं। मैंने भारत सरकार और असम सरकार की ओर से उन्हें आश्वस्त किया है कि उनके घरों के पुनर्निर्माण में हम मदद करेंगे और उनके गांवों में सुरक्षा का बंदोबस्त करेंगे।
गृहमंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा कि हमारा काम तत्काल शांति और सद्भावना सुनिश्चित करना, पुनर्वास का काम कराना और विश्वास बहाली करना है। इसके अलावा विस्थापित लोग अपने गांवों में वापस लौट सकें, इसका भी ध्यान रखना है। चिदंबरम ने तितागुरी हाईस्कूल और भुटगांव में एक एक शरणार्थी शिविर का दौरा किया जहां संघर्ष प्रभावित बोडो और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हैं। उन्होंने ऐसे कुछ लोगों से भी बातचीत की जिनके घर जला दिए गए।
सुरक्षा हालात के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सुरक्षा और मोबाइल चौकियों की तैनाती के लिए एक योजना बनाई जा रही है। मैनें योजना देखी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद इस दिशा में कदम उठाने में सक्षम हैं। (एजेंसी)
First Published: Monday, July 30, 2012, 19:53