Last Updated: Wednesday, May 16, 2012, 16:20
अजमेर : पाकिस्तानी नागरिक खलील चिश्ती भले ही सुप्रीम कोर्ट की अनुमति मिलने के बाद अस्थाई तौर पर अपने घर वापस जा सके हों लेकिन यहां न्यायपालिका के खिलाफ दिए उनके बयान से विवाद उठ खड़ा हुआ है। राजस्थान की जेल में 20 साल गुजारने के बाद पाकिस्तान लौटे चिश्ती के खिलाफ अदालती कार्यवाही की अवमानना करने की एक याचिका दायर की गई है।
उन्होंने कथित तौर पर कहा कि भारतीय न्यायपालिका में अशिक्षित लोग हैं लेकिन बुद्धिमान न्यायाधीश भी हैं। वकील देवेंद्र सिंह शेखावत और प्रकाश मीणा ने फास्ट ट्रैक अदालत में यह याचिका दायर की है। उन्होंने आरोप लगाया कि चिश्ती ने एक टेलीविजन साक्षात्कार में कहा कि न्यायपालिका में अशिक्षित लोग हैं, लेकिन बुद्धिमान न्यायाधीश भी हैं। बुद्धिमान न्यायाधीश उच्चतम न्यायालय तक पहुंचते हैं। अदालत इस आवेदन पर 28 मई को सुनवाई करेगी। हालांकि विवाद के बढने पर चिश्ती ने सफाई देते हुए कहा कि उनके कहने का मतलब अशिष्ट होना नहीं था।
हत्या के एक मामले में उम्रकैद की सजा भुगत रहे चिश्ती ने कल कहा कि मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि मेरे कहने का मतलब भारतीय न्यायपालिका के प्रति अनादर व्यक्त करना नहीं था। चिश्ती ने कहा कि मैं कानून का पालन करने वाला व्यक्ति हूं और न्यायपालिका को लेकर मेरे मन में बेहद सम्मान है।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 16, 2012, 21:50