Last Updated: Thursday, May 9, 2013, 22:53
नई दिल्ली : भारत हाल में लद्दाख में 21 दिन के गतिरोध जैसी किसी स्थिति से बचने और उससे निपटने के लिए भारत और चीन के सैन्य अधिकारियों के बीच एक हॉटलाइन स्थापित करने के वास्ते चीन पर जोर देगा।
सूत्रों ने गुरुवार को कहा कि दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) स्तर के अधिकारियों के बीच सीधी टेलीफोन लाइन स्थापित करने के प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाले सुरक्षा मामलों से संबंधित मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) की बैठक में बुधवार को चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों की द्विपक्षीय बैठकों के दौरान इस प्रस्ताव के चर्चा के लिए आने की संभावना है।
दोनों पक्षों ने भारत के उत्तरी और पूर्वी सैन्य कमांडरों और उनके चीनी समकक्षों के बीच हॉटलाइन स्थापित करने के प्रस्तावों पर भी चर्चा की है लेकिन अभी तक इस संबंध कोई बहुत अधिक प्रगति नहीं हुई है। वर्तमान समय में दोनों देशों की सेनाओं के बीच स्पामगुर गैप, नाथुला और बुमला में तीन हॉटलाइनें हैं। ये वे तीन स्थान हैं जहां दोनों पक्षों के सीमा प्रहरियों की बैठकें होती हैं। ये वर्तमान हॉटलाइनें ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारियों के बीच हैं जबकि नयी हॉटलाइन डीजीएमओ स्तर पर स्थापित करने पर विचार हो रहा है।
उम्मीद है कि इससे गत 15 अप्रैल को देपसांग घाटी जैसी स्थिति को जल्द सुलझाने में मदद मिलेगी। देपसांग घाटी में वह स्थिति तब उत्पन्न हुई थी जब चीनी सैनिकों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पार करके भारतीय सीमा में 19 किलोमीटर भीतर घुसपैठ कर ली थी। प्रस्तावित हॉटलाइनें भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ स्तर के अधिकारियों के बीच उस हॉटलाइन की तर्ज पर होगी जिस पर दोनों देशों की सेनाएं प्रत्येक मंगलवार को बात करती हैं और यदि दोनों सेनाओं के बीच कोई समस्या है तो उस पर चर्चा करती हैं।
सूत्रों ने कहा कि चीन के साथ हॉटलाइन बहुत उपयोगी होगी क्योंकि दोनों देश एक विवादित सीमा साझा करते हैं और दोनों देशों के सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगते अपने माने जाने वाले क्षेत्रों में गश्त करते हुए एकदूसरे के क्षेत्रों में चले जाते हैं। (एजेंसी)
First Published: Thursday, May 9, 2013, 22:53