Last Updated: Tuesday, February 21, 2012, 08:59
ज़ी न्यूज ब्यूरोनई दिल्ली : आदर्श चुनाव आचार संहिता को कानूनी आधार देने की कोशिशें तेज हो गई हैं। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने इस मामले में एक ड्राफ्ट भी तैयार कर लिया है। इस मसले पर बुधवार को वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता में मंत्री समूह की बैठक होने वाली है जिसमें इस मसले पर चर्चा की जाएगी।
मंत्रियों के समूह का मानना है कि अगर आचार संहिता का उल्लंघन होता है तो उस मामले की सुनवाई कोर्ट में होनी चाहिए। ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (जीओएम) इस मामले में बैठक कर चुका है। गौरतलब है कि अब तक मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट मामले के उल्लंघन पर कार्रवाई खुद चुनाव आयोग करता रहा है। इस पर कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी का कहना है कि समय आ गया है कि चुनावों में रिफॉर्म की जरूरत है। उन्होंने ये भी कहा कि चुनाव आयोग को भी अपने नियमों में बदलाव के बारे में सोचना चाहिए।
दूसरी तरफ, इस मामले में मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी का साफ कहना है कि वह इससे सहमत नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि इस कार्रवाई के जरिए चुनाव आयोग के अधिकारों को कम करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने ये भी कहा कि ऐसा करने से मामले लंबे समय तक कोर्ट में लंबित रहेंगे। जनता सरकार के इस फैसले से कभी सहमत नहीं होगी।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा के चुनाव चल रहे हैं। चुनाव प्रचार के दौरान हाल ही केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के बयान को आचार संहिता का उल्लंघन माना गया। आयोग ने कानून मंत्री को नोटिस भी भेजा। मामला महामहिम राष्ट्रपति से होते हुए पीएमओ तक पहुंच गया। फिर इसके बाद आयोग ने लगभग उसी तरह के बयान पर एक और केंद्रीय मंत्री को आचार संहिता के उल्लंघन मामले में नोटिस भेजा। आदर्श चुनाव आचार संहिता को कानूनी आधार देने को लेकर पहले भी मांग उठती रही है।
First Published: Tuesday, February 21, 2012, 17:34