Last Updated: Tuesday, August 27, 2013, 20:28
नई दिल्ली : राजनीतिकों को अपराधियों की तरह चित्रित करने के लिए अदालतों को ‘उत्सुक’ बताते हुए कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने मंगलवार को कहा कि देश की राजनीति पर असर डालने वाले फैसले देते हुए अदालतों को ‘बहुत अधिक सावधानी’ बरतनी चाहिए।
सिब्बल ने राज्यसभा में ‘लोक प्रतिनिधित्व (संशोधन और विधिमान्यकरण) विधेयक’ पेश करते हुए कहा कि देश में यह आम नकारात्मक धारणा है कि सभी राजनीतिक अपराधी हैं। अदालतें हमें यह साबित करने के लिए उत्सुक हैं जबकि हम ऐसे नहीं हैं।
कानून मंत्री की इस टिप्पणी पर राजनीतिक दलों ने मिली जुली प्रतिक्रिया जाहिर की। भाजपा के रविशंकर प्रसाद ने उनसे न्यायपालिका के प्रति सम्मान जाहिर करने को कहा वहीं सपा के नरेश अग्रवाल सहित कुछ अन्य सदस्यों ने सिब्बल का समर्थन किया। प्रसाद की टिप्पणी पर सिब्बल ने कहा कि न्यायपालिका के प्रति मेरे मन में गहरा सम्मान है और यही वजह है कि हमने कभी भी किसी न्यायाधीश या अदालत के लिए कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की।
कानून मंत्री ने कहा कि जेल में बंद व्यक्तियों के चुनाव लड़ने पर रोक का फैसला ‘त्रुटिपूर्ण’ है क्योंकि वोट देने के अधिकार और मतदाता सूची में नाम होने का अधिकार का जिक्र संविधान के अलग अलग अनुच्छेदों में है। उन्होंने कहा कि जब तक आरोपी दोषी साबित न हो जाए, वह बेकसूर माना जाता है। उन्होंने कहा कि विभिन्न संवैधानिक संस्थानों के बीच बना ‘नाजुक संतुलन’ प्रभावित हो गया है और अविश्वास का ऐसा माहौल है जिसमें राजनीतिक वर्ग को अपराधी बताया जा रहा है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, August 27, 2013, 20:28