Last Updated: Friday, November 18, 2011, 16:04
नई दिल्ली : चुनाव सुधारों पर आम सहमति बनाने के प्रयास में सरकार जल्द ही सर्वदलीय बैठक बुलाने की योजना बना रही है, जिसमें राजनीति की अपराध से मुक्ति, खारिज करने का अधिकार और चुनाव में सरकारी धन के इस्तेमाल जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। एजेंडे में राजनीतिक दलों के खातों की जांच, दलबदल कानून की समीक्षा, पेड न्यूज के संदर्भ में मीडिया का नियमन और दलों का पंजीकरण रद्द करने जैसे मुद्दे भी शामिल होंगे।
कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘चुनाव सुधार प्रस्तावों का प्रारूप तैयार है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के (विदेश दौरे से) लौटने के बाद इन पर जल्द ही सर्वदलीय बैठक सहित विभिन्न स्तरों पर विचार विमर्श किया जाएगा।’ उन्होंने कहा कि सुधारों के प्रस्ताव पर आम सहमति बनने के बाद सरकार इस संबंध में संशोधन लाएगी। कानून मंत्रालय के पास चुनाव सुधारों के संबंध में प्रस्ताव हैं जिसमें जघन्य अपराधों के आरोप लगने पर प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने से रोकना और चुनावों में सीमित सरकारी धन का इस्तेमाल शामिल है।
प्रस्ताव में जनप्रतिनिधि अधिनियम में बदलाव करना भी शामिल है ताकि मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के महिला, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के प्रत्याशियों को सरकारी धन उपलब्ध कराया जाए। इस प्रावधान का लाभ हासिल करने के लिए प्रत्याशियों की वार्षिक आय पांच लाख रुपए से अधिक और चल या अचल संपत्ति 22 लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए।
सूत्रों ने कहा कि इस सीमा में प्रत्याशी के पति या पत्नी की आय और संपत्ति भी शामिल होगी। एक अन्य प्रस्ताव में प्रत्याशियों और उनके दलों के लिए अपने खाते की जांच कैग (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) से अधिकृत एजेंसी द्वारा कराना अनिवार्य होने की बात कही गई है।
(एजेंसी)
First Published: Friday, November 18, 2011, 21:34