Last Updated: Tuesday, December 20, 2011, 12:52

नई दिल्ली : सरकार ने टीम अन्ना के प्रमुख सदस्य अरविंद केजरीवाल के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) छोड़ने के करीब छह साल बाद अंतत: उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया। केजरीवाल ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए नौ लाख रुपये का भुगतान किया था जिसके करीब 45 दिन बाद उनका इस्तीफा स्वीकार किया गया है।
उन्होंने बताया, सरकार ने आयकर विभाग से मेरा इस्तीफा अंतत: स्वीकार कर लिया है। मुझे मंगलवार को पत्र मिला। केजरीवाल ने फरवरी 2006 में आईआरएस से इस्तीफा दे दिया था। वह उस समय आयकर विभाग में संयुक्त आयुक्त थे। उन्होंने पहले कहा था कि वह भुगतान किए गए धन को वापस पाने के लिए अदालत में लड़ेंगे।
केजरीवाल ने तीन नवंबर को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक पत्र के साथ 9,27,787 रुपये का भुगतान किया था। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने कहा था कि उनके छह दोस्तों को परेशान नहीं किया जाए जिनसे उन्होंने यह धन उधार लिया है। 1995 बैच के आईआरएस अधिकारी ने अपने विरोधियों के लगातार हमलों का जवाब देने के लिए भुगतान करने का फैसला किया था।
सरकार का दावा है कि केजरीवाल ने पूरे वेतन पर अध्ययन अवकाश पर जाने के बाद तीन साल की अनिवार्य सेवा पूरी करने से पहले पद छोड़कर बांड के नियमों का उल्लंघन किया। हालांकि 43 वर्षीय केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने बिना वेतन के छुट्टियां ली थीं और बांड की शर्तों को पूरा करते हुए पद छोड़ा।
केजरीवाल ने एक नवंबर, 2000 से दो साल के लिए वैतनिक अध्ययन अवकाश लिया था। उन्होंने एक बांड पर दस्तखत किए थे कि अगर वह अपने अध्ययन अवकाश के तीन साल के भीतर इस्तीफा देते हैं या सेवानिवृत्त होते हैं या काम नहीं करते तो उन्हें वेतन लौटाना होगा। केजरीवाल अध्ययन अवकाश के बाद एक नवंबर, 2002 को सेवा पर लौटे लेकिन 18 महीने बाद उन्होंने अवैतनिक अवकाश ले लिया।
सरकार का तर्क है कि 18 महीने बाद छुट्टियां लेना बांड शर्तों का उल्लंघन है लेकिन केजरीवाल की दलील थी कि उन्होंने किसी प्रावधान का उल्लंघन नहीं किया और अध्ययन अवकाश के बाद फिर से काम पर लौटने के तीन साल की तय अवधि के बाद पद से इस्तीफा दिया।
मुख्य आयकर आयुक्त के कार्यालय ने पांच अगस्त को केजरीवाल को नोटिस जारी कर उनसे 9.27 लाख रुपये अदा करने को कहा था जिसे केजरीवाल और टीम अन्ना के अन्य सदस्यों ने सरकारी अधिकारियों द्वारा उनके राजनीतिक आकाओं के निर्देशों पर की गई कार्रवाई करार दिया। केजरीवाल ने कहा था कि वह पिछले पांच साल से सरकार को समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है।
आयकर विभाग ने केजरीवाल द्वारा भुगतान के लिए 27 अक्तूबर की समयसीमा तय की थी लेकिन वह इसे पूरा नहीं कर सके। उन्होंने कहा था कि इस मामले में अंतिम फैसला करने से पहले उन्हें अपने मित्रों से और अधिक सलाह मशविरे की जरूरत है। अंतत: उन्होंने तीन नवंबर को भुगतान कर दिया। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 20, 2011, 18:24