जजों की जवाबदेही पर लोकसभा में बहस - Zee News हिंदी

जजों की जवाबदेही पर लोकसभा में बहस

नई दिल्ली : लोकसभा में आज न्यायिक मानक निर्धारित करने और न्यायाधीशों की जवाबदेही तय करने संबंधी विधेयक पर चर्चा शुरू हुई। इस विधेयक को मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने अपर्याप्त और अस्पष्ट करार देते हुए फिर से तैयार करने तथा ‘राष्ट्रीय न्यायिक आयोग’ गठित करने की मांग की।

 

विधि एवं न्याय मंत्री सलमान खुर्शीद ने इस संबंध में सदन में न्यायिक मानक और जवाबदेही विधेयक 2010 और संविधान में 114वां संशोधन विधेयक 2010 (अनुच्छेद 217 और 224 का संशोधन) पेश किया। खुर्शीद ने कहा कि यह ऐसा विधेयक है जिसके माध्सम से न्यायिक मानक निर्धारित करने और न्यायाधीशों की जवाबदेही तय करने के साथ सुप्रीम कोर्ट एवं हाईकोर्ट के किसी न्यायाधीश के कदाचार या उसकी अक्षमता के संबंध में व्यक्तिगत शिकायतों की जांच के लिए विश्वसनीय तंत्र स्थापित किया जा सकेगा।

 

मंत्री ने कहा कि इसके माध्यम से हाईकोर्ट के सेवानिवृति की आयु को 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष करने का प्रावधान है। इससे लंबित मामलों का निपटारा करने के साथ रिक्तियों से जुड़ी समस्या को दूर करने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों की जांच के लिए प्रक्रिया निर्धारित करने तथा किसी न्यायाधीश को हटाने के लिए कार्यवाही के संबंध में संसद की ओर से राष्ट्रपति के समक्ष मामला पेश करने का प्रावधान है। यह विधेयक न्यायाधीश जांच अधिनियम 1968 का स्थान लेगा।

 

विधि मंत्री ने कहा कि यह विधेयक न्यायाधीशों की सम्पत्ति और जवाबदेही को पारदर्शी बनाने और उनके खिलाफ शिकायतों को समयबद्ध तरीके से निपटाने में मदद करेगा। बिल पर सदन में बहस जारी है। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, December 28, 2011, 14:03

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