Last Updated: Tuesday, November 29, 2011, 13:02
नई दिल्ली : लोकपाल के दायरे में न्यायपालिका को लाने की बात खारिज करते हुए संसदीय समिति ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्टों के न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया में सुधार करने की सिफारिश की है। सदस्यों को वितरित की गई लोकपाल विधेयक की मसौदा रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर न्यायपालिका को लोकपाल के दायरे में लाया गया तो अंतिम नतीजे में संबंधित अधिकार क्षेत्र का उपयोग करने वाले किसी मजिस्ट्रेट के समक्ष सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश तक का संभावित अभियोजन हो सकता है।
रिपोर्ट में न्यायपालिका को राज्य के एक अलग एवं विशिष्ट अंग के रूप में चिह्नित करते हुए कहा गया है कि न्यायपालिका को लोकपाल के अधीन लाने का कदम असामान्य अटपटे और अरक्षणीय स्थिति की ओर ले जाएगा और जड़ से न्यायपालिका की स्वतंत्रता कमजोर करेगा।
इसके साथ ही मसौदा रिपोर्ट ने इस साल 30 अगस्त को संसद में पेश न्यायिक मानक एवं जवाबदेही विधेयक पर अपनी सिफारिशों की याद दिलाते हुए कहा कि न्यायपालिका को किसी निगरानी के बिना नहीं छोड़ा जा सकता। रिपोर्ट ने एक नए विधेयक से न्यायिक नियुक्ति प्रक्रिया के पुनरीक्षण की वकालत की।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, November 29, 2011, 21:32