जदयू के साथ हमारा 17 वर्षों तक गठबंधन जज्बाती था: राजनाथ

जदयू के साथ हमारा 17 वर्षों तक गठबंधन जज्बाती था: राजनाथ

जदयू के साथ हमारा 17 वर्षों तक गठबंधन जज्बाती था: राजनाथनई दिल्ली : जनता दलयू द्वारा ‘भावनात्मक रिश्तों’ को तोड़ देने को ‘दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद’ बताते हुए भाजपा ने आज उससे सवाल किया कि इस तरह 17 साल पुराने रिश्ते तोड़कर क्या वह कांग्रेस की मुराद पूरा करना चाहती है। भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने जदयू को सचेत किया, ‘जनतंत्र में जो पार्टी जनता की आकांक्षा को पूरा नहीं करती, वह लम्बे समय तक जिंदा नहीं रह सकती।’ भारतीय जनता युवा मोर्चा के समारोह के दौरान

राजनाथ ने कहा, ‘जदयू से हमारा गठबंधन राजनीतिक नहीं, भावनात्मक था, जिसे हम तोड़ना नहीं चाहते थे। हमारा संबंध परस्पर विश्वास के आधार पर था, दबाव पर आधारित नहीं। हम धोखा खा सकते हैं लेकिन धोखा दे नहीं सकते।’

उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब सभी गैर कांग्रेसी दलों को एकजुट होकर कांग्रेस को सत्ता से हटाने की जरूरत थी, तब जदयू ने 17 वर्ष पुराने रिश्ते को तोड़ दिया।

नरेन्द्र मोदी का कद बढ़ाने को जायज़ ठहराते हुए सिंह ने कहा, ‘भाजपा ने 2014 के चुनाव में सफलता के लिए गुजरात के लोकप्रिय मुख्यमंत्री को पार्टी की चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया। नरेन्द्र मोदी को चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाकर क्या हमने अपराध कर दिया। क्या वे इसी बात से नाराज हो गए और 17 वर्षों के रिश्ते को इस तरह से तोड़ दिया।’

भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘यह अत्यंत दुखद और दूर्भाग्यपूर्ण है। इससे हमारी भावनाओं को चोट पहुंची है क्योंकि गठबंधन ‘वीटो’ के आधार पर नहीं चलता बल्कि यह परस्पर विश्वास के आधार पर चलता है।’

सिंह ने कहा, ‘इस समय कांग्रेस को कैसे हटाया जाए, यह सोचने की जरूरत थी लेकिन ऐसे में जदयू ने किस तरह का फैसला किया? क्या वह 17 साल पुराने रिश्ते तोड़ कर कांग्रेस की मुराद पूरा करना चाहती है?’

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि 2002 के दंगों के लिए नरेन्द्र मोदी को साम्प्रदायिक कहा जाता है लेकिन आजादी के बाद कांग्रेस के शासनकाल में कई राज्यों में हजारों बड़े-बड़े दंगे हुए, मगर उसे कोई साम्प्रदायिक नहीं मानता।

उन्होंने कहा कि भाजपा इंसाफ और इंसानियत की राजनीति करती है, जातपात और नफरत की नहीं। पार्टी परस्पर विश्वास के आधार पर सभी दलों को साथ लेकर महान, समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना चाहती है। उधर, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने माइक्रो ब्लागिंग वेबसाइट ट्विटर पर लिखा, ‘राजग का टूटना दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है।’

भाजपा के उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने इसे ‘बहुत दुर्भाग्यपूर्ण’ करार देते हुए कहा कि ‘यहीं दुनिया खत्म नहीं हो जाती। राजग में और घटक दल आएंगे।’ नकवी ने जदयू की कार्रवाई पर हिंदी फिल्म के गीत की इस पंक्ति को याद किया ‘दुश्मन न करे, दोस्त ने वो काम किया है।’

भारतीय युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने कहा कि देश के कुछ राजनीतिक दल सुविधा की राजनीति करते हैं। वे अपनी सुविधा के अनुसार हाथ पकड़ते हैं और अपनी सुविधा के अनुसार हाथ छोड़ देते हैं। जनता सभी बातों को समझती है, इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए।

गौरतलब है कि भाजपा के गोवा सम्मेलन में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को भाजपा के चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाये जाने और इससे जुड़े घटनाक्रम के बाद जदयू ने रविवार को पटना में राजग से अलग होने की औपचारिक घोषणा कर दी।

जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने राजग के संयोजक पद से इस्तीफा दे दिया और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा के मंत्रियों को हटाने के लिये राज्यपाल से सिफारिश कर दी।

नीतीश ने कहा,‘भाजपा नये दौर से गुजर रही है। हम उससे सहमत नहीं हैं। हम अपने बुनियादी उसूलों से समझौता नहीं कर सकते।’ जदयू चाहती थी कि भाजपा यह घोषणा करे कि मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं बनाया जायेगा। (एजेंसी)

First Published: Sunday, June 16, 2013, 19:27

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