Last Updated: Sunday, December 18, 2011, 11:57
गोंडा : हिन्दी गजल के क्षेत्र में हिन्दुस्तान के कोने-कोने में अपनी पहचान बनाने वाले राम नाथ सिंह ‘अदम गोंडवी‘ का रविवार तड़के लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में निधन हो गया, वे 63 वर्ष के थे।
पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि अदम जी क्रानिक लीवर डिजीज से पीड़ित थे और उनका इलाज करीब एक माह से चल रहा था। काफी दिन तक गोंडा के एक निजी नर्सिग होम में इलाज कराने के बाद करीब एक सप्ताह पूर्व उन्हें लखनउ स्थित पीजीआई ले जाया गया था जहां उनका इलाज चल रहा था। आज तड़के पांच बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
गोंडवी का अंतिम संस्कार सोमवार को उनके पैतृक गांव परसपुर विकास खण्ड के आटा में किया जायेगा। उनके परिवार में एक पुत्र और दो पुत्रियां हैं। बाढ़ की राहत सामग्री की ‘लूट’ पर अदम अपनी कलम नहीं रोक पाये। उन्होंने लिखा--‘महज तनख्वाह से निबटेंगे क्या नखरे लुगाई के। हजारों रास्ते हैं सिन्हा साहब की कमाई के। मिसेज सिन्हा के हाथों में जो बेमौसम खनकते हैं। पिछली बाढ़ के तोहफे हैं ये कंगन कलाई के।’ अदम जी बेहद कम पढ़े-लिखे तथा हमेशा जमीन से जुड़ी बात करते थे। एक रचना में उन्होंने लिखा है--‘फटे कपड़ों में तन ढांके, गुजरता हो जिधर कोई, समझ लेना वो पगडंडी अदम के गांव जाती है।’
गांव के विकास हेतु शासन द्वारा संचालित विभिन्न सरकारी परियोजनाओं के लिए 65 लाख की कार्य योजना को भी उसी दिन मंजूरी देकर काम शुर करा दिया गया किन्तु अफसोस कि अदम जी अपने गांव की बदलती सूरत को देखने के लिए नहीं रहे।
(एजेंसी)
First Published: Sunday, December 18, 2011, 17:27