Last Updated: Sunday, September 8, 2013, 22:04
श्रीनगर : कश्मीर घाटी के शालीमार बाग में आयोजित एक खास कॉन्सर्ट में अपनी कला की नुमाइश करने के एक दिन बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विख्यात संगीतकार जुबिन मेहता ने रविवार को एक ऐसी ख्वाहिश जाहिर की जो कभी पूरी नहीं की जा सकेगी पर इसके बावजूद वह भारत सरकार के एहसानमंद हैं।
मुंबई में पैदा हुए 77 साल के मेहता जबरवान पहाड़ियों पर अपना एक आशियाना बसाना चाहते हैं। दरअसल शनिवार को मेहता ने जहां ‘एहसास-ए-कश्मीर’ नाम का अपना कॉन्सर्ट किया उसके पीछे जबरवान पहाड़ियां हैं जो उनके संगीत कार्यक्रम में चार चांद लगा रही थी। हालांकि, मेहता को एहसास है कि कोई गैर-कश्मीरी जम्मू-कश्मीर में संपत्ति नहीं खरीद सकता क्योंकि राज्य को विशेष दर्जा हासिल है।
यह जानते हुए भी कि उनकी ख्वाहिश कभी पूरी नहीं हो पाएगी, मेहता इस बात से खुश हैं कि भारत सरकार ने देश के दूसरे हिस्सों के लोगों को इस पहाड़ी राज्य में आकर बसने की इजाजत नहीं दी।
‘बावेरियन स्टेट’ ऑर्केस्ट्रा के संचालक मेहता ने कहा, ‘एक भारतीय के तौर पर मैं चाहूंगा कि जबरवान की पहाड़ियों पर मेरा एक मकान हो।’ उन्होंने यह भी कहा, ‘मुझे इस बात का गर्व है कि भारत सरकार एक भारतीय होने के नाते मुझे यहां संपत्ति खरीदने की इजाजत नहीं देती। मुझे उन लोगों से जलन हो रही है जो डल झील के किनारे रहते हैं। मैं इस तथ्य के लिए सरकार का आदर करता हूं कि उन्होंने यहां बस्तियां नहीं बसायी हैं..यह पश्चिम एशिया में एक बड़ा शब्द है। मैं एहसानमंद हूं कि यहां बस्तियां नहीं हैं जिसने कश्मीर की खूबसूरती को बचाए रखा है।’ (एजेंसी)
First Published: Sunday, September 8, 2013, 22:04