Last Updated: Sunday, April 14, 2013, 22:00

भोपाल : संविधान निर्माता डा. बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की 122वीं जयंती पर समूचे देश के साथ रविवार को मध्यप्रदेश में भी उन्हें श्रद्धा से याद किया गया। मुख्य समारोह उनकी जन्मस्थली महू में आयोजित किया गया, जहां राज्य सरकार ने उनका भव्य स्मारक बनवाया है।
महू छावनी के काली पल्टन इलाके में डॉ. अम्बेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को हुआ था। इस अवसर पर उनके जन्म-स्मारक पर आयोजित ‘राष्ट्रीय एकता एवं सामाजिक समरसता सम्मेलन’ में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उनकी सरकार बाबा साहेब के दिल्ली स्थित परिनिर्वाण स्थल पर एक भव्य स्मारक निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा केन्द्र सरकार को चाहिए कि वह महू में जिस भूमि पर यह आयोजन हर वर्ष किया जाता है, स्थाई रूप से राज्य सरकार को दे दे और इसके एवज में दोगुनी भूमि केन्द्र के रक्षा मंत्रालय को राज्य शासन देगा। साथ ही आयोजन के लिए स्थाई अनुमति भी दी जाना चाहिए, जिससे आयोजन को अधिक व्यवस्थित रूप से हर वर्ष किया जा सके।
इस साल केवल पांच दिन पहले अनुमति मिलने से कार्यक्रम आयोजित करने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है।
सम्मेलन में सदानंद एवं धर्मशील ने मुख्यमंत्री चौहान को अम्बेडकर का सच्चा अनुयायी बताते हुए कहा कि वह देश के एकमात्र मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने अनुसूचित जाति के कल्याण, महिलाओं के सम्मान एवं अम्बेडकर के सिद्धांतों एवं आदशरे के प्रचार-प्रसार के अनूठे काम किए हैं। यहां अम्बेडकर स्मारक में हाल ही में 86 लाख रूपये लागत से छह विशालकाय कांस्य प्रतिमाएं लगाई गई हैं, यह राज्य सरकार का सराहनीय कार्य है।
समारोह को प्रदेश के अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री विजय शाह, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री महेन्द्र हार्डिया, अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम अध्यक्ष डा. इंद्रेश गजभिए आदि ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर सभी के लिए राज्य सरकार की ओर से ठहरने एवं भोजन आदि की भी व्यवस्था की गई थी।
अम्बेडकर जयंती पर कांग्रेस के प्रभारी महासचिव बीके हरिप्रसाद, महासचिव एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सांसद कांतिलाल भूरिया एवं राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह भी महू पहुंचे तथा डा. अम्बेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की।
बाबा साहेब की 122वीं जयंती पर भोपाल, जबलपुर, इंदौर, ग्वालियर, रीवा सहित प्रदेश के लगभग सभी शहरों, कस्बों एवं गांवों में उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि देकर उनके सिद्धांतों एवं आदर्शों को अपनाने का संकल्प लिया गया। (एजेंसी)
First Published: Sunday, April 14, 2013, 22:00