Last Updated: Tuesday, April 23, 2013, 23:36

नई दिल्ली : केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा और झारखंड में केंद्र की संप्रग सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा के बदतर क्रियान्वयन पर निराशा जताई। रमेश ने मनरेगा के बदतर क्रियान्वयन पर ऐसे समय में निराशा जतायी है जब आज ही नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने मनरेगा में ‘अनियमितता’ पर आलोचना की है।
ग्रामीण विकास मंत्री ने स्वीकार किया कि कई राज्यों में मनरेगा के क्रियान्वयन के दौरान कोष में गड़बड़ी एवं भ्रष्टाचार सहित कई अनियमितताएं हुई हैं। रमेश ने कहा कि जहां तक मनरेगा के समग्र क्रियान्वयन की बात है, मैं इस बात को लेकर निराश हूं कि उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा एवं झारखंड में रोजगार एवं व्यय के संदर्भ में हम बेहतर प्रदर्शन करने में नाकाम रहे हैं। इन चार राज्यों में गरीबों की बड़ी तादाद है।
देश के करीब 50 फीसदी गरीब इन्हीं राज्यों में रहते हैं। मंत्री ने कहा कि किसी भी तर्क के हिसाब से देखें तो इन चार राज्यों में मनरेगा में व्यय सबसे अधिक होना चाहिए था। लेकिन आज स्थिति यह है कि मनरेगा के तहत बिहार, ओडिशा और झारखंड में कुल जितना खर्च नहीं होता उससे कहीं अधिक तो अकेले आंध्र प्रदेश में होता है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 23, 2013, 23:36