Last Updated: Sunday, June 24, 2012, 12:20

नई दिल्ली : मोहम्मद अली जिन्ना और लार्ड माउंटबेटन दोनों ही पाकिस्तान का गवर्नर जनरल बनना चाहते थे और महात्मा गांधी एक ऐसे जादूगर थे जिनमें लोगों को प्रभावित करने की अद्भुत क्षमता थी। बंगबंधु शेख मुजीब उर रहमान के हाल ही में जारी संस्मरण में इसका उल्लेख किया गया है।
मुजीब ने यह संस्मरण 1967 और 1969 के बीच जेल में लिखा था। यह संस्मरण पूरा नहीं हो सका हालांकि इसमें कोलकाता में पाकिस्तान के लिए छात्र कार्यकर्ता के रूप में कार्य करने के दिनों का उल्लेख किया गया है। इसमें 1952 के बांग्ला भाषा के आंदोलन से लेकर बांग्लादेश के स्वतंत्रता और स्व शासन के लिए संघर्ष का उल्लेख किया गया है। संस्मरण में उस दौर की अनिश्चितताओं और उम्मीदों का उल्लेख किया गया है। अंतिम नोटबुक में 1955 के लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए संघर्ष का उल्लेख किया गया है।
मुजीब की डायरी 2004 में सामने आई और इसे ऐतिहासिक घटना करार दिया गया था। यह नोटबुक उनकी पु़त्री और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के पास थी । यह काफी खराब स्थिति में थी और बदरंग हो गई थी। इसका काफी सावधानीपूर्वक बांग्ला से अंग्रेजी में अनुवाद किया गया। मुजीब ने लिखा कि ऐसे समय जब मुसलमानों पर हमले हो रहे थे और गांधी किसी से बात नहीं कर रहे थे या भाषण नहीं दे रहे थे, ‘महात्मा गांधी ने इस मौके पर कुछ लिखा और उनके सचिव ने पढ़ कर सुनाया। यह व्यक्ति (गांधी) जादूगर था। लोग रोने लगे। पूरा महौल तत्काल बदल गया।’
मुजीब की 15 अगस्त 1975 को सैन्य विद्रोह में हत्या कर दी गई थी। मुजीब ने संस्मरण में लिखा कि जब महात्मा गांधी ने दंगा करने वालों से हिंसा छोड़ने को कहा तब उन्होंने जोर दिया कि अगर वे ऐसा करेंगे तो वह (गांधी) भूख हड़ताल पर चले जाएंगे। बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के जनक ने संस्मरण में लिखा कि भारत की स्वतंत्रता से पहले वायसराय लार्ड माउंटबेटन कांग्रेस की हर तरह से मदद कर रहे थे।
उन्होंने लिखा, ‘माउंटबेटन भारत और पाकिस्तान दोनों के गवर्नर जनरल बनना चाहते थे । लेकिन जिन्ना इसके लिए तैयार नहीं थे क्योंकि वह स्वयं पाकिस्तान के गवर्नर जनरल बनना चाहते थे। संभवत: वह लार्ड माउंटबेटन के बारे में अच्छा विचार नहीं रखते थे।’ मुजीब के अनुसार, ‘इससे माउंटबेटन इतने क्षुब्ध हो गए कि वह पाकिस्तान के उद्देश्य को नुकसान पहुंचाने के स्तर तक पहुंच गए थे।
सीमा निर्धारण का कार्य हालांकि रेडक्लिफ को सौंपा गया लेकिन कई लोगों का मानना है कि माउंटबेटन गुप्त रूप से कांग्रेस के साथ काम रहे थे।’ उन्होंने जिन्ना को सबसे चतुर व्यक्ति करार दिया। पेंग्विन इंडिया की ओर से प्रकाशित इस पुस्तक की प्रस्तावना शेख हसीना ने लिखी है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, June 24, 2012, 12:20