जानिए, आडवाणी को क्यों याद आए समाजवादियों से रिश्ते ?

जानिए, आडवाणी को क्यों याद आए समाजवादियों से रिश्ते ?

भोपाल: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता लालकृष्ण आडवाणी को भोपाल में आयोजित कार्यकर्ता महाकुंभ में समाजवादी नेताओं से रिश्तों की याद आ गई। उन्होंने कहा कि विपक्ष से सत्ता तक पहुंचने में इन समाजवादियों के मिले साथ का बड़ा योगदान रहा है। आडवाणी ने भाजपा (पूर्व में जनसंघ) के विपक्षी दल से लेकर सत्ता तक पहुंचने की चर्चा की। उन्होंने कहा कि भाजपा लंबे समय तक विपक्ष में रही और लोगों को लगने लगा था कि यह दल विपक्षी दल के रूप में अच्छा काम करती है। पं. दीनदयाल उपाध्याय के काल में भी कई राज्यों में सरकारें बनीं, आगे चलकर हमारा संपर्क धीरे-धीरे अन्य लोगों से बढ़ा।

आडवाणी ने भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद मोदी की मौजूदगी में समाजवादियों की चर्चा की और आगे कहा कि राममनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण और मोराजी देसाई से संपर्क बढ़ा और पार्टी का धीरे-धीरे देश में असर बढ़ा। दिल्ली तक में सरकार बनी। छह साल केंद्र में सत्ता में रहने के अलावा आज कई राज्यों में भी सरकारें हैं।

आडवाणी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को भी याद किया और कहा कि राजग का ट्रैक रिकार्ड कांग्रेस से कहीं बेहतर है। इसकी तुलना किसी अन्य दल से की ही नहीं जा सकती है। उन्होंने भाजपा शासित तीनों राज्यों -गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी, छत्तीसगढ़ के रमन सिंह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान- की सराहना करते हुए कहा कि इन तीनों राज्यों के लोगों को 24 घंटे बिजली मिलने लगी है। उन्होंने कहा कि अब चुनाव भाषण से नहीं काम के आधार पर जीते जा सकते हैं।

भाजपा के महाकुंभ और मोदी की मौजूदगी में राजग की चर्चा और समाजवादी नेताओं से रिश्तों को आडवाणी द्वारा याद करने के राजनीतिक मायने निकाले जा सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि मोदी को प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद राजग में टूट पड़ी और जनता दल (युनाइटेड) के शरद यादव ने संयोजक का पद छोड़ दिया। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, September 25, 2013, 16:34

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