जेएंडके हिंसा का संबंध आतंकवाद से नहीं: चिदंबरम

जेएंडके हिंसा का संबंध आतंकवाद से नहीं: चिदंबरम

जेएंडके हिंसा का संबंध आतंकवाद से नहीं: चिदंबरम नई दिल्ली : सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में इस बात से इनकार किया कि जम्मू-कश्मीर में हिंसक घटनाओं के तार आतंकवाद या बाहरी तत्वों से जुड़े हुए हैं जबकि विभिन्न दलों ने आगाह किया कि हालिया घटनाओं को दो समुदायों के बीच के मामले के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए तथा देश की संप्रभुता एवं अखंडता खतरे में है।

वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि राज्य की स्थिति कुल मिलाकर नियंत्रण में है और 1990 की स्थिति की पुनरावृत्ति नहीं होने दी जाएगी जब कश्मीरी पंडितों को कश्मीर घाटी से बाहर जाने के लिए बाध्य कर दिया गया था। गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के अस्वस्थ होने के कारण चिदंबरम इस संबंध में बयान दे रहे थे। किश्तवाड़ में हुई हिंसा पर विभिन्न सदस्यों द्वारा राज्यसभा में जतायी गयी चिंता पर चिदंबरम ने कहा कि किश्तवाड़ में स्थिति सामान्य हो रही है और नौ अगस्त के बाद से किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है।

सदन में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने किश्तवाड़ में हिंसा का मुद्दा उठाया और स्थिति पर चिंता जतायी। बसपा नेता मायावती, माकपा नेता सीताराम येचुरी, तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय, कांग्रेस के कर्ण सिंह सहित कई सदस्यों ने भी स्थिति पर चिंता जताई। विभिन्न सदस्यों की चिंताओं को दूर करने का प्रयास करते हुए चिदंबरम ने कहा कि यह मान लेगा सही नहीं होगा कि दो समुदायों के बीच अंदरुनी तनाव का संबंध आतंकवादी या बाहरी तत्वों से है।

चिदंबरम ने उन आशंकाओं को दूर करने का प्रयास किया कि राज्य में 1990 की स्थिति फिर से बन सकती है जब घाटी से कश्मीर पंडितों को वहां से हटने के लिए बाध्य होना पड़ा था। उन्होंने सदस्यों को आश्वस्त करते हुए कहा कि हम 1990 की पुनरावृत्ति नहीं होने देंगे। हम जबरन पलायन नहीं होने देंगे। हम जबरन पुनर्वास नहीं होने देंगे। (एजेंसी)

First Published: Monday, August 12, 2013, 21:55

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