Last Updated: Thursday, April 25, 2013, 21:05

नई दिल्ली : 2जी घोटाले पर विवादास्पद रिपोर्ट पारित करने से पहले ही संयुक्त संसदीय समिति में गुरुवार को जंग छिड़ गई। समिति के 30 सदस्यों में से आधे जेपीसी अध्यक्ष पीसी चाको को हटाने की मांग कर रहे हैं। इस पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए जेपीसी में भाजपा के तीन सदस्यों को हटाने की मांग कर डाली।
जेपीसी में भाजपा, जदयू, अन्नाद्रमुक, द्रमुक, वाम दल, तृणमूल कांग्रेस और बीजद के 15 सदस्यों ने आज लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार से मुलाकात कर चाको में अविश्वास व्यक्त किया और आरोप लगाया कि चाको का रवैया अत्यंत पक्षपातपूर्ण रहा है।
दिन के घटनाक्रम के बाद विपक्ष और कांग्रेस के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया। 30 सदस्यीय जेपीसी में चाको सहित कांग्रेस के 11 सदस्य हैं जबकि उसके सहयोगी राकांपा का एक सदस्य। बसपा और सपा के तीन सदस्यों की भूमिका पर सबकी नजर है कि वे मत विभाजन की स्थिति में सरकार के बचाव में आते हैं या नहीं। सपा और बसपा दोनों ही सरकार को बाहर से समर्थन दे रही हैं।
जेपीसी की बैठक आज प्रस्तावित थी और इसमें मसौदा रिपोर्ट पर विचार किया जाना था। संकेत यह भी था कि इस मुददे पर मत विभाजन हो सकता है। चाको ने लोकसभा सदस्य अंबिका बनर्जी के निधन के कारण जेपीसी की आज की बैठक स्थगित कर दी। इसी वजह से आज लोकसभा की कार्यवाही भी स्थगित की गई। अब जेपीसी की बैठक अगले सप्ताह की शुरूआत में होने की संभावना है। नाराज विपक्षी सदस्यों ने मीरा कुमार से मुलाकात कर चाको को हटाने की मांग की। उन्होंने चाको पर आरोप लगाया कि उन्होंने मसौदा रिपोर्ट लीक की है। इस रिपोर्ट में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री पी चिदंबरम को क्लीन चिट दी गई है।
विपक्षी सदस्यों का आरोप है कि चाको अपने कर्तव्य का निर्वाह करने में विफल रहे हैं। उन्होंने जेपीसी का इस्तेमाल सचाई छिपाने के लिए किया। भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने संवाददाताओं से कहा कि हम रिपोर्ट पूरी तरह खारिज करने की मांग करते हैं, जो झूठ पर आधारित और विरोधाभासों से भरी है। हम इसे स्वीकार नहीं कर सकते। सिन्हा ने कहा कि रिपोर्ट में केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को दोषी ठहराए जाने के बजाय राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर उंगली उठाई गई है, जिसने देश में दूरसंचार क्रांति लाई। भाजपा नेता ने कहा कि जेपीसी पिछले दो साल से रिपोर्ट पर काम कर रही थी। मुझे उम्मीद नहीं थी कि वह (जेपीसी अध्यक्ष पी. सी. चाको) इस हद तक जा सकते हैं। संप्रग को दोषी ठहराने के बजाय वह राजग पर करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप लगा रहे हैं।
कांग्रेस ने विपक्षी के इस रूख पर पलटवार किया। जेपीसी में कांग्रेस सदस्यों ने लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात कर मांग की कि समिति में भाजपा के तीन सदस्यों यशवंत सिन्हा, जसवंत सिंह और रविशंकर प्रसाद को हटाया जाए। कांग्रेस का कहना है कि ये सदस्य दूरसंचार क्षेत्र से जुड़े बड़े फैसले लेने में शामिल थे, जिनकी जांच जेपीसी कर रही है इसलिए हितों के टकराव के कारण तीनों भाजपा सदस्यों को हटाया जाए। कांग्रेस सदस्यों ने कहा कि जसवंत सिंह 1998 में दूरसंचार पर उच्चस्तरीय समूह के अध्यक्ष थे और बाद में वह दूरसंचार पर मंत्रीसमूह के अध्यक्ष बने, जिसमें यशवंत सिन्हा और प्रसाद बतौर सदस्य थे।
नियमों के तहत जेपीसी के सदस्य संसद के दोनों ही सदनों से चुने जाते हैं। अध्यक्ष का चुनाव लोकसभा अध्यक्ष करती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि समितियों से किस सदस्य को हटाना है, किसे नहीं, इसका फैसला संबद्ध सदन करेगा। चाको ने कहा कि जब तक उन्हें लोकसभा अध्यक्ष का निर्देश नहीं मिलता, वह पद पर बने रहेंगे। लोकसभा अध्यक्ष का फैसला अंतिम होगा। उन्होंने कहा कि यदि मसौदा रिपोर्ट पर मत विभाजन न हो तो बेहतर होगा। उधर, यशवंत सिन्हा ने कांग्रेस की इस मांग को नकार दिया कि जेपीसी से तीन भाजपा सदस्यों को हटाया जाना चाहिए। उन्होंने सत्ताधारी पार्टी के सदस्यों को ‘अनपढ़’ करार दिया।
विपक्ष के कदम का प्रतिवाद करते हुए कांग्रेस सदस्यों ने अध्यक्ष को दिए अपने पत्र में लिखा कि जेपीसी चूंकि रिपोर्ट को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है इसलिए अब उन्होंने (भाजपा सदस्यों ने) प्रतिरोध और बेचैनी दिखानी शुरू कर दी है क्योंकि उनके फैसले जेपीसी की निगाह से गुजरे हैं। अपने खिलाफ विपक्ष के हमले पर चाको ने कहा कि हो सकता है कि मसौदा रिपोर्ट उनके लिए (भाजपा के लिए) सुविधाजनक न हो इसीलिए वे दो साल बाद मुझे हटाने की मांग कर रहे हैं। संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने चाको को हटाने की मांग को नकारते हुए कहा कि इस तरह की मांग का कोई आधार नहीं है। यह ठीक ऐसी बात है कि मानो किसी के खिलाफ फैसला आये और वह कहे कि जज को ही हटा दो।
लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कमलनाथ की टिप्पणी पर टिवटर पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कमलनाथ को यह कहने का अधिकार नहीं है कि चाको इस्तीफा नहीं देंगे क्योंकि जेपीसी अध्यक्ष की नियुक्ति लोकसभा अध्यक्ष करती हैं न कि सरकार। सपा नहीं चाहती कि चाको को हटाया जाए। लेकिन सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने कहा है कि पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा को जेपीसी के समक्ष पेश होकर अपनी बात रखने का मौका मिलना चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Thursday, April 25, 2013, 20:55