Last Updated: Tuesday, July 3, 2012, 15:02
नई दिल्ली : संप्रग और राजग सदस्यों के बीच मतभेद के चलते 2-जी घोटाले की जांच कर रही संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) ने गवाहों की सूची को अंतिम रूप देने के बारे में फैसला मंगलवार को टाल दिया। सूत्रों ने बताया कि समिति के अध्यक्ष पीसी चाको को आज सदस्यों के सामने संभावित गवाहों की सूची पेश करनी थी लेकिन उन्होंने इस मुद्दे को नहीं उठाया। पिछली बैठक में इसी मुद्दे पर संप्रग और राजग के सदस्यों के बीच कहासुनी हो गई थी।
पिछली बैठक में राजग सदस्यों की मांग थी कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों को बुलाया जाना चाहिए। उनका कहना था कि पूर्व दूरसंचार मंत्री एवं मुख्य अभियुक्त ए राजा को भी जेपीसी के सामने गवाही के लिए बुलाया जाना चाहिए। इसके विपरीत कांग्रेस सदस्यों ने मांग की कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को जेपीसी के सामने अपना नजरिया रखने के लिए बुलाया जाना चाहिए।
जेपीसी के सदस्य भाजपा के यशवंत सिन्हा और जसवंत सिंह ने कहा कि वे जेपीसी से हटने को तैयार हैं और इसके समक्ष गवाही देने को भी तैयार हैं क्योंकि राजग सरकार के समय दोनों ही मंत्री थे। इसके बाद जेपीसी ने तय किया कि जिन गवाहों को बुलाया जा सकता है, उनकी सूची तैयार की जाए। किसी को भी बुलाने से पहले सूची पर हर सदस्य की सहमति होनी चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, July 3, 2012, 15:02