Last Updated: Wednesday, August 10, 2011, 06:32
नई दिल्ली : मुंबई में अगस्त क्रांति रैली करने के बाद अण्णा हजारे बुधवार सुबह जब दिल्ली पहुंचे तो सरकारी लोकपाल बिल के खिलाफ उन्होंने जमकर भड़ास निकाली. पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए अण्णा ने कहा कि सरकार मांगें मान ले तो हम आंदोलन नहीं करेंगे. अनशन स्थल के लिए जगह मुकर्रर नहीं किये जाने के सवाल पर अण्णा ने कहा कि दिल्ली में जगह नहीं मिलेगी तो जेल में तो जगह मिलेगी. अण्णा ने कहा कि हम मरने को भी तैयार हैं. उन्होंने कहा कि सरकारी लोकपाल बिल भ्रष्टाचार बढाएगा. सरकार में जन लोकपाल बिल लाने की इच्छाशक्ति ही नहीं है. सरकार और हमारा रास्ता अलग-अलग है. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज की बैठक महज औपचारिकता है.इससे पहले अण्णा हजारे ने मंगलवार को आरोप लगाया कि सरकार उन्हें निशाना बना रही है. उन्होंने दावा किया कि सेना में उनके रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं और उनके संगठन की जांच के लिए लोगों को महाराष्ट्र में उनके गांव भेजा गया. हजारे ने कहा कि मैंने अपने पूरे जीवन में कोई गलत काम नहीं किया. 74 वर्षीय गांधीवादी ने कहा कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त लोकपाल विधेयक की अपनी मांग के समर्थन में 16 अगस्त से अनिश्चितकालीन अनशन करने के फैसले पर अडिग हैं.भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम का आगाज करने वाले हजारे ने मुंबई प्रेस क्लब और मुंबई मराठी पत्रकार संघ द्वारा आयोजित दो अलग-अलग कार्यक्रमों में यह बात कही. हजारे ने कहा कि सरकार की नीयत ठीक नहीं है, इसीलिए वह भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन चलाने वाले नागरिक समाज को बदनाम करने की कोशिश कर रही है.औरंगाबाद के रालेगन सिद्धि गांव के रहने वाले हजारे ने कहा कि उनका आंदोलन किसी व्यक्ति या पार्टी के खिलाफ नहीं बल्कि भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए एक मजबूत लोकपाल के लिए है. आम आदमी का हर रोज भ्रष्टाचार से पाला पड़ता है. भ्रष्टाचार बढ़ा है और इसी वजह से मुद्रा स्फीति और मूल्य वृद्धि हो रही है. भ्रष्टाचार ही मुद्रा स्फीति की जड़ है.हजारे ने कहा कि 2जी स्पैक्ट्रम आवंटन और सुरेश कलमाड़ी का राष्ट्रमंडल खेल आयोजन घोटाले जैसे घोटाले आरटीआई कानून के कारण सामने आ सके, लेकिन इस कानून के पास दोषियों को जेल भेजने का अधिकार नहीं है. जन लोकपाल विधेयक में वह ताकत है. इसीलिए हम सरकार से यह कानून बनाने की मांग कर रहे हैं.भ्रष्टाचारियों के लिए कड़ी सजा तजवीज करते हुए हजारे ने कहा कि उन्हें आजीवन कारावास की सजा क्यों नहीं दी जाती? दरअसल हम तो कह रहे हैं कि भ्रष्ट को फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार में शामिल धन को वसूल करने का प्रावधान होना चाहिए. दोषी को जेल भेज देने भर से मकसद हल नहीं होगा. उस व्यक्ति से धन भी वसूल किया जाना चाहिए.अण्णा ने कहा कि जो लोग सरकार में हैं उनमें भ्रष्टाचार मुक्त भारत के निर्माण की इच्छा नहीं है. हम कह रहे हैं कि जन लोकपाल लाओ, उसे स्वायत्तता दो, वह तमाम सरकारी नियंत्रण से मुक्त हो, लेकिन सरकार का कहना है कि वह ऐसा कठोर कानून नहीं चाहती. ऐसा इसलिए है क्योंकि सरकार ही भ्रष्टाचार के सहारे चल रही है. हमारी मांग है कि सभी पद लोकपाल के दायरे में हों. लोकपाल को भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच करनी चाहिए.
First Published: Wednesday, August 10, 2011, 13:16