Last Updated: Friday, May 3, 2013, 21:39
नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए जैश ए मोहम्मद के तीन उग्रवादियों को कड़े पोटा और सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसे अपराधों से जुड़े कानूनों के तहत उम्र कैद की सजा सुनाई।
अदालत ने हालांकि संगठन के दो अन्य उग्रवादियों अतीक उज्जमां और रईस उज्जमां को आंशिक राहत देते हुए उनकी कठोर आजीवन कारावास की सजा को 11 वर्ष जेल की सजा में बदल दिया। इन आतंकवादियों को मुठभेड़ के बाद दिल्ली पुलिस ने 30-31 अगस्त 2003 को गिरफ्तार किया था। पुलिस को इनके कब्जे से भारी मात्रा में हथियार और गोली बारूद मिले थे और उन्होंने विस्फोटक से भरे एक ट्रक को यहां सदर बाजार में एक पार्किंग स्थल से बरामद किया।
अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा, ‘हमने आरोपी (भाइयों) अतीक उज्जमां और रईस उज्जमां को अपराध के लिए निर्धारित अधिकतम सजा से कम सजा इसलिए दी है क्योंकि उनकी गिरफ्तारी से पहले वह व्यक्तिगत रूप से किसी आतंकी हमले अथवा कार्रवाई में शामिल नहीं रहे।’ अदालत ने कहा, ‘उनके इकबाले जुर्म के अनुसार वह पाकिस्तान गए थे। उन्होंने प्रशिक्षण शिविरों में भाग लिया और गुप्त रूप से दोबारा भारत में आए, लेकिन तलाशी अथवा गिरफ्तारी के समय उनके पास से कोई हथियार अथवा विस्फोटक आदि नहीं मिला। उनकी निशानदेही पर भी ऐसा कोई पदार्थ बरामद नहीं किया गया। (एजेंसी)
First Published: Friday, May 3, 2013, 21:39