Last Updated: Sunday, November 20, 2011, 12:33

भुवनेश्वर : लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी ने रविवार को इन खबरों से इनकार किया कि उन्होंने या पीएसी ने स्पेक्ट्रम आवंटन के कारण हुए नुकसान की गणना के संबंध में नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) को प्रभावित करने की कभी कोई कोशिश की थी।
भाजपा नेता ने कहा कि उन्होंने यह पता लगाने की कोशिश की थी कि विदेशी निवेशक दूरसंचार कंपनियों में भारी भरकम निवेश क्यों कर रहे थे जबकि उनके पास न तो इसके लिए कोई ढांचा था और न ही विशेषज्ञता।
जोशी ने कहा, कंपनियों ने पीएसी को बताया था कि वे दूरसंचार के क्षेत्र में इसलिए आई थी क्योंकि वे स्पेक्ट्रम आवंटन पाने के लिए जोड़-तोड़ कर सकती थी।
उन्होंने कहा, पीएसी ने किसी को भी प्रभावित नहीं किया था। हमने केवल देश के खजाने को नुकसान पहुंचाने के लिए निजी कंपनियों और कुछेक लोगों के बीच साजिश और कैबिनेट के फैसलों में अनियमितताओं और उल्लंघनों के बारे में बताया है। जोशी ने कहा, मामला इस तरह है। इस बात का कोई सवाल नहीं है कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आता है या नहीं। हम निवेश के बारे में कुछ नहीं कह रहे। हम तो यह कह रहे हैं कि निवेश उचित तरीके से आना चाहिए। हमने विदेशी निवेश के साथ आने वालों की जांच की और उनसे पूछा कि आपने इस कंपनी को विदेशी निवेश के लिए क्यों चुना?
(एजेंसी)
First Published: Monday, November 21, 2011, 10:56