Last Updated: Sunday, August 14, 2011, 10:17

चेन्नई में अमरीका के वाणिज्यिक दूतावास के आपत्तिजनक बयान पर मचा बवाल अब शांत होता दिख रहा है. शुक्रवार को एसआरएम विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में वाइस काउंसुल मॉरीन चाओ ने एक भाषण में भारत में 23 साल पहले के अपने अनुभवों का विवरण किया था.
इसमें उन्होंने अपनी एक रेल यात्रा की बात करते हुए बताया था कि 24 घंटे की यात्रा जब 72 घंटे में भी पूरी न हो सकी तो उनकी त्वचा गंदी और काली हो गई. इस
संदर्भ में उन्होंने तमिलों की भी ज़िक्र कर दिया था और जिसके बाद बवाल खड़ा हो गया.
दूतावास का कहना है कि मॉरीन चाओ 23 साल पहले के अपने सुखद अनुभवों का ज़िक्र कर रही थीं जिस दौरान उन्होंने कुछ अनुचित टिप्पणी कर दी. यदि उनकी दुर्भाग्यपूर्ण टिप्पणी से किसी को बुरा लगा है तो उन्हें अफ़सोस है क्योंकि उनकी मंशा ऐसा करने की नहीं थी.
उधर राज्य की मुख्यमंत्री जयललिता ने चेन्नई में अमरीकी वाणिज्य दूतावास की साउंसुल जनरल को एक पत्र लिखकर कड़ी आपत्ति जताई. जयललिता का कहना है, “ये टिप्पणी निंदनीय है और इससे नस्लभेद झलकता है. आप सभी मानेंगे कि वाइस काउंसुल की टिप्पणी सभी तमिलों का अपमान है." उन्होंने अनुरोध किया कि मॉरीन चाओ को समझाया जाए कि उन्हें अपनी टिप्पणी वापस लेनी चाहिए और माफ़ी मांगनी चाहिए.
वाइस काउंसुल के इस बयान में अमरीकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन की हाल की चेन्नई यात्रा का भी ज़िक्र है.
First Published: Sunday, August 14, 2011, 15:53