टीम अन्ना के अनशन में उत्साह नदारद, नहीं जुटी भीड़

टीम अन्ना के अनशन में उत्साह नदारद, नहीं जुटी भीड़

टीम अन्ना के अनशन में उत्साह नदारद, नहीं जुटी भीड़ ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी

नई दिल्ली : भ्रष्टाचार के मुद्दे पर संप्रग सरकार के खिलाफ टीम अन्ना के अनिश्चितकालीन अनशन के दूसरे दिन गुरुवार को आयोजन स्थल पर लोगों की मौजूदगी पूर्ववर्ती आंदोलनों के मुकाबले काफी कम रही। इस बीच, टीम अन्ना ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर अपना निशाना जारी रखा और सरकार के चार और केंद्रीय मंत्रियों पर अपने आरोप दोहराए।

अनशन के मंच से शांति भूषण, प्रशांत भूषण, किरण बेदी और योगेंद्र यादव आदि सभी ने प्रधानमंत्री की व्यक्तिगत निष्ठा की तारीफ जरूर की लेकिन सरकार के अगुवा के रूप में उन्हें मंत्रियों के भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार ठहराया। अनशन के पहले दिन की तरह आज भी जंतर मंतर पर ज्यादा भीड़ नहीं उमड़ी। बहरहाल शाम होते होते दिन की अपेक्षा स्थल थोड़ा भरा हुआ जरूर नजर आया।

कल भी लोगों की उपस्थिति काफी कम थी और पुलिस के अनुमान के मुताबिक व्यस्त समय के दौरान यहां पर 2,500 से 3,000 व्यक्ति मौजूद थे। इससे पहले टीम द्वारा जंतर मंतर और रामलीला मैदान में किए गए प्रदर्शनों में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया था।

अन्ना हजारे ने आज अपना अंदाज सख्त करते हुए कहा कि सत्ता से पैसा और पैसे से सत्ता का खेल चल रहा है।
उन्होंने नये राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पर अपनी टीम के सदस्यों के हमले से इत्तेफाक नहीं रखते हुए संवाददाताओं से कहा कि वह राष्ट्रपति बनकर देश के सबसे शीर्ष व्यक्ति बन गये हैं। मैं उन्हें बधाई देता हूं। हालांकि मुखर्जी पर अरविंद केजरीवाल द्वारा लगाये गये आरोपों को लेकर अन्ना कुछ नहीं बोले। आज भी अनशन के मंच पर मुखर्जी की तस्वीर ढककर रखी गई। अन्नाआ हजारे ने कहा कि मेरे उपर 11 जगहों पर मंत्रियों की ओर से मामले चल रहे हैं। मैं तो कहता हूं एक और मामला लाओ तो एक दर्जन हो जाएगा लेकिन देशवासियों की ऊर्जा से मुझे आनंद मिलता रहेगा।

अन्ना हजारे ने कहा कि कल केंद्रीय मंत्री वी. नारायणसामी ने कहा था कि अन्ना संविधान में भरोसा नहीं करते। गांधीवादी कार्यकर्ता ने कहा कि संविधान में ‘हम भारत के लोग’ कहा गया है। क्या सरकार ने संविधान में उल्लेखित आर्थिक और सामाजिक विषमता दूर करने का काम किया। हजारे ने कहा कि जन लोकपाल विधेयक, मतदान में नापसंदी का अधिकार, किसानों और गरीबी के मुद्दों पर उनका आंदोलन जारी रहेगा। टीम अन्ना ने कल भ्रष्टाचार के मुद्दे पर संप्रग सरकार के खिलाफ अनशन की शुरूआत की थी। कार्यकर्ताओं ने कल नये राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पर हमला किया हालांकि हजारे ने उन पर कोई भी व्यक्तिगत टिप्पणी करने से परहेज किया।

संसद के विशेषाधिकार हनन और अदालत में देशद्रोह के मामले का सामना कर रहे टीम अन्ना के सदस्य केजरीवाल ने आज कहा कि संसद का अपमान उन्होंने नहीं किया बल्कि सदन में बैठे लोगों ने किया है। केजरीवाल के खिलाफ बुलंदशहर की एक अदालत में देशद्रोह के एक मुकदमे की आज सुनवाई थी और इसमें 28 जुलाई की अगली तारीख दी गई है।

केजरीवाल ने अदालत के समक्ष देने के लिए तैयार अपना जवाब अनशनस्थल पर आज सुनाया और कहा कि संसद का अपमान उन्होंने नहीं किया बल्कि सदन में बैठे लोगों ने किया। उन्होंने कहा कि जब संसद में रिश्वत लेकर पर प्रश्न पूछे जाते हैं, तब क्या संसद का अपमान नहीं होता, जब संसद में विधेयक की प्रति फाड़ी जाती है, तब क्या संसद का अपमान नहीं होता।

टीम अन्ना के सदस्य ने कहा कि संसद में कुछ अच्छे लोग भी हैं जिनका वह सम्मान करते हैं लेकिन कुछ सदस्यों का सम्मान करने में वह असमर्थ हैं। जन लोकपाल विधेयक और कुछ केंद्रीय नेताओं एवं मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए स्वतंत्र एजेंसी गठित किये जाने की मांग को जोरदार ढंग से उठाते हुए उन्होंने कहा कि मैंने संसद का अपमान नहीं किया और देशहित में कोई भी सजा भुगतने को तैयार हूं।

उधर, अन्ना ने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान ‘लोगों की एक पार्टी’ उभरने की संभावना से इनकार नहीं किया और कहा कि अगर लोगों के चुने उम्मीदवार ही चुनाव लड़ें तो इसमें कुछ गलत नहीं है। हजारे ने एक चैनल से बातचीत में कहा कि मैं पूरे देश की यात्रा करुंगा और लोगों से कहूंगा कि सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवार का चयन करें। उसके बाद मैं उम्मीदवारों के लिए प्रचार करुंगा। उन्होंने कहा कि हम उम्मीदवारों के नाम नेट पर डालकर लोगों को बताएंगे कि उनके लिए कौन सबसे अच्छा उम्मीदवार है। हम उनसे कहेंगे कि वे चाहें तो निर्दलीय चुनाव लड़ें या पार्टी के तौर पर। यह फैसला उन पर होगा। एक नई पार्टी बनने में कुछ गलत नहीं है। जंतर मंतर पर टीम अन्ना के अनशन के दौरान कम संख्या में लोगों के आने के सवाल पर हजारे ने इस बात को खारिज कर दिया कि उनका आंदोलन कमजोर हो रहा है। उन्होंने कहा कि अभी और लोग शामिल होंगे।

अन्ना हजारे ने कहा कि इस देश को न तो कांग्रेस और ना ही भाजपा उज्ज्वल भविष्य दे सकती है। उन्होंने लोकपाल पर सरकार से बातचीत करने के लिए संपर्क करने की बात से इनकार किया और कहा कि अगर सरकार लोकपाल को लेकर अब भी गंभीर है तो टीम अन्ना से संपर्क करने के लिए उनका स्वागत है। हजारे ने कहा कि जनता जानती है कि कि सभी दलों ने लोकपाल विधेयक का विरोध किया। वह 2014 के चुनाव में सभी राजनीतिक दलों को सबक सिखाएगी। जनता उन सब को खारिज कर देगी। अभी लोग कुछ नहीं कर सकते। लेकिन अगले चुनाव का इंतजार करें।

इससे पहले टीम अन्ना के अहम सदस्य अरविंद केजरीवाल ने भी एक साक्षात्कार में कहा था कि ‘लोगों का मोर्चा’ सामने आ सकता है। वहीं आज राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव ने भी आंदोलन के मंच से टीम अन्ना को सलाह दी कि एक वैकल्पिक राजनीतिक व्यवस्था बनाकर अपने आंदोलन को आगे बढ़ाएं।

First Published: Thursday, July 26, 2012, 22:44

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