Last Updated: Friday, July 27, 2012, 21:13

नई दिल्ली : सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने शुक्रवार को एक बार फिर सरकार पर आरोप लगाया कि वह टीम अन्ना की एकता को तोड़ने की कोशिश कर रही है। अन्ना ने यहां संवाददाताओं से से कहा कि वी. नारायणसामी ने मुझे एक पत्र लिखा और उसे मेरी टीम को दे दिया ताकि वे यह महसूस करें कि अन्ना सरकार से बातचीत कर रहे हैं। वे हमें तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। अन्ना ने कहा कि इस आंदोलन में हिस्सा लेने से मुझे रोकने की उनकी यह साजिश थी।
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री वी. नारायणसामी ने हालांकि अन्ना के इस आरोप के जवाब में कहा कि उन्होंने केवल हजारे के पत्र के जवाब में पत्र लिखा था। नारायणसामी ने टीम अन्ना द्वारा जंतर मंतर पर किए जा रहे अनशन को देश की जनता को मूर्ख बनाने की एक कोशिश करार दिया।
नारायणसामी ने कहा कि राजनीतिक दल शुरू करने की उनकी घोषणा के बाद उनके इरादे बेनकाब हो गए हैं। उन्होंने कहा कि यह अच्छा हुआ कि उन्होंने आज (शुक्रवार) खुलकर यह बात कही कि वे एक राजनीतक पार्टी बना रहे हैं। उनके इरादे बेनकाब हो गए हैं।
नारायणसामी ने कहा कि हमने अपने वादे के मुताबिक लोकपाल विधेयक पेश किया, यह फिलहाल संसद की स्थायी समिति के पास है। हमने कई कदम उठाए। इसके बावजूद वे विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, क्योंकि उनके पास एक एजेंडा है।
नारायणसामी ने आगे कहा कि जो लोग भूख हड़ताल पर बैठे हैं, वे महाराष्ट्र सदन जाकर आराम करते हैं। वे देश की जनता को मूर्ख बना रहे हैं। नारायणसामी की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब अन्ना हजारे ने शुक्रवार को एक समाचार चैनल के साथ बातचीत में कहा कि यदि जनता कहती है कि अन्ना को राजनीति में प्रवेश करना चाहिए, तो मैं इसके बारे में सोच सकता हूं।
उन्होंने हालांकि तत्काल अपनी बात को पलटते हुए कहा कि मैं राजनीति में नहीं जाऊंगा, लेकिन मैं जनता को एक राजनीतिक विकल्प दूंगा। मैं चुनाव नहीं लडूंगा। लेकिन यदि कोई व्यक्ति भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के लिए कोई राजनीतिक पार्टी शुरू करता है, तो मैं उसे समर्थन दूंगा। मैं समझता हूं कि जनता किसी ईमानदार उम्मीदवार के लिए तैयार है।
टीम अन्ना के अनिश्चितकालीन अनशन का शुक्रवार तीसरा दिन है। टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल, गोपाल राय और मनीष सिसोदिया भ्रष्टाचार के खिलाफ और प्रभावी जन लोकपाल विधेयक के समर्थन में अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं। अन्ना रविवार से अनशन शुरू कर सकते हैं। लेकिन टीम अन्ना के लिए चिंता की बात यह है कि अनशन के तीसरे दिन भी पर्याप्त भीड़ जमा नहीं हो पाई है। दोपहर 12 बजे तक अनशन स्थल पर मात्र लगभग 400 लोग ही थे, जबकि टीम अन्ना द्वारा इसके पहले दिल्ली में किए गए विरोध प्रदर्शनों में हजारों लोग मौजूद रहते थे। लेकिन अन्ना हजारे ने शुक्रवार सुबह कहा कि भीड़ कोई मायने नहीं रखती।
अन्ना ने जंतर मंतर पर कहा कि भीड़ जुटने से कोई आंदोलन मजबूत नहीं होता। आंदोलन की सफलता और विफलता भीड़ के आकार पर निर्भर नहीं होती। अनशनरत अरविंद केजरीवाल के स्वास्थ्य के बारे में पूछे जाने पर अन्ना ने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि यह चिंता की बात नहीं है। आंदोलन के भविष्य के बारे में अन्ना ने कहा कि सरकार (लोकपाल विधेयक पर) सहमत होती है या नहीं, हमें इससे कुछ भी लेना-देना नहीं है। हमें देश और समाज की भलाई के लिए अपना कर्तव्य करना है। सरकार सहमत नहीं होती है, तो हमारा आंदोलन जारी रहेगा।
लेकिन अन्ना ने यह भी कहा कि उन्हें आशा है कि लोकपाल विधेयक देर-सबेर जरूर पारित होगा। अन्ना ने कहा कि वे (सरकार) इंग्लैंड या पाकिस्तान से नहीं आए हैं। वे हमारे अपने लोग हैं। और यदि वे देश और जनता के बारे में नहीं सोचते हैं, तो दोषी किसे ठहराया जाएगा? वे इस बारे में क्यों नहीं सोचते? देश की जनता ने आपको चुना। क्या लोकपाल विधेयक पारित करना उनका कर्तव्य नहीं है। (एजेंसी)
First Published: Friday, July 27, 2012, 21:13