टीम अन्‍ना के सदस्‍यों की कोर कमेटी भंग करने की मांग - Zee News हिंदी

टीम अन्‍ना के सदस्‍यों की कोर कमेटी भंग करने की मांग



ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी

 

नई दिल्ली :  कथित वित्तीय अनियमितता और अन्य मुद्दों पर आलोचनाओं का सामना कर रहे टीम अन्‍ना में ऊहापोह की स्थिति है और टीम के कुछ प्रमुख सदस्यों की ओर से कोर समिति के पुनर्गठन की मांग की जा रही है।

 

टीम अन्‍ना के प्रमुख सदस्य शनिवार को उनकी अनुपस्थिति में गाजियाबाद में बैठक करेंगे। कई विवादों में घिरने के बाद पैदा हुए संकट पर चर्चा के लिए यह बैठक बुलाई गई है। हालांकि इस बैठक से पहले दो प्रमुख सदस्य मेधा पाटकर और कुमार विश्वास ने गांधीवादी नेता से पूरे टीम का पुनर्गठन की मांग की है।

 

दोनों सदस्यों ने हालांकि किरण बेदी और अरविंद केजरीवाल की आलोचना नहीं की जिन पर एनजीओ और उससे संबंधित वित्तीय लेनदेन के संबंध में सवाल उठाए जा रहे हैं। इस बैठक में न्यायमूर्ति संतोष हेगड़े ने भी शामिल नहीं होने का फैसला किया है। टीम अन्‍ना के एक प्रमुख सदस्य कुमार विश्वास ने इस विषय पर अन्ना को पत्र लिखकर मांग की कि कोर समिति को निलंबित किया जाए।

 

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं द्वारा इसे निशाना बनाए जाने को देखते हुए इसका विस्तार कर इसमें और सदस्यों को शामिल किया जाए। विश्वास ने अपने पत्र में कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी के नेता अन्‍ना को निशाने बना रहे हैं और उनकी सार्वजनिक छवि और विश्वसनीयता को कलंकित करने की कोशिश कर रहे हैं।

 

वहीं, पाटकर ने कहा कि समूह में आमूलचूल परिवर्तन की जरूरत है क्योंकि वह कई आरोपों के घेरे में है और कोर समिति के कई सदस्यों को निशाना बनाया जा रहा है। कई आरोपों के चलते कोर समिति के सदस्यों को निशाना बनाए जाने के मद्देनजर परिवर्तन जरूरी है। उन्होंने कहा कि वह कल कोर समिति की बैठक में शामिल नहीं होंगी। विश्वास ने लिखा है कि इन सब हमलों और उनकी सफाई देने से मूल मुद्दे से ध्यान हटाने का इनका षडयंत्र मजबूत होगा। ऐसा होने पर न केवल जन लोकपाल का मुद्दा प्रभावित होगा, अपितु करोड़ों भारतवासियों के उस विश्वास को भी आघात पहुंचेगा, जिसके तहत वे संवैधानिक, अहिंसक और शांतिपूर्ण तरीके से देश की समस्याओं का हल ढूंढते हैं।

 

उन्होंने कहा कि मैं यह निवेदन करना चाहता हूं कि आप सीमित लोगों की इस कोर कमेटी को विस्तार देकर इसे 121 करोड़ लोगों की ‘हार्ड-कोर कमेटी’ में रूपांतरित कर दें। बहरहाल, अनना मौन व्रत धारण किए हुए हैं और कल की बैठक में टीम के एक अन्य सदस्य न्यायमूर्ति संतोष हेगड़े भी बैठक में शामिल नहीं होंगे। यह बैठक अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाले पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन (पीसीआरएफ) के गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) में कौशांबी स्थित कार्यालय में निर्धारित है।

 

कोर समिति की बैठक केजरीवाल और किरण बेदी के खिलाफ लगे कई आरोपों तथा दो प्रख्यात कार्यकर्ता राजेन्द्र सिंह एवं पीवी राजगोपाल के इस्तीफे के मद्देनजर बुलाई गई है। सिंह और राजगोपाल ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्‍ना के आंदोलन के राजनीतिक रुख अख्तियार करने पर इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा अन्‍ना पर किए गए ताजा हमले के बीच यह बैठक बुलाई गई है।

 

अन्‍ना के मौन व्रत का यह मतलब समझा जा रहा है वह कोर समिति की बैठक में शामिल नहीं होंगे। (एजेंसी)

First Published: Saturday, October 29, 2011, 09:39

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