ट्विटर पर ओबामा का भी फर्जी एकाउंट !

ट्विटर पर ओबामा का भी फर्जी एकाउंट !

ट्विटर पर ओबामा का भी फर्जी एकाउंट !नई दिल्ली: ट्विटर पर फर्जी एकांउटों का शिकार सिर्फ भारतीय प्रधानमंत्री कार्यालय ही नहीं है बल्कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा समेत दुनिया की कई जानी मानी हस्तियों के नाम से या उनसे मिलते जुलते नाम वाले फर्जी एकांउट भी इस माइक्रो ब्लागिंग वेबसाइट पर मौजूद हैं और लोग कभी मजाक तो कभी सस्ती लोकप्रियता के लिये ऐसा करते हैं ।

‘ट्विटर’ के मुताबिक विश्वभर में फैले उसके करीब 10 करोड़ सक्रिय सदस्यों में 35 राष्ट्राध्यक्ष हैं । इसी तरह से दलाई लामा, पोप समेत दुनिया भर के शीर्ष 40 फीसद धर्म गुरू ट्वीट करते हैं । इसके अलावा संगीतकार, सिनेमा, खेल जगत की कई जानी मानी हस्तियां ट्विटर पर मौजूद हैं ।

इन नामचीन हस्तियों के नाम से मिलते जुलते कई ट्विटर एकाउंट मौजूद हैं । मसलन ट्विटर पर अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा के नाम से ढूंढने पर उनके आधिकारिक एकांउट समेत 17 एकाउंट सामने आते हैं ।

इसमें एक एकांउट में तो बराक ओबामा को समलैंगिक बताया गया है । इस खाते को संचालित करने वाले ने अपने परिचय में लिखा है, ‘‘मैं बराक ओबामा हूं और मैं समलैंगिक हूं ।’’ इसी तरह से रूस के प्रधानमंत्री दमित्रि मेदवेदेव का नाम सर्च करने पर चार, आस्ट्रेलिया की प्रधानमंत्री जूलिया गिलार्ड का नाम सर्च करने पर पांच एकाउंट आते हैं । जिन अन्य नामचीन हस्तियों के फर्जी एकाउंट या मिलते जुलते एकाउंट हैं उनमें ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और अमेरिका की प्रथम महिला मिशेल ओबामा प्रमुख हैं ।

साइबर कानूनों के विशेषज्ञ पवन दुग्गल के मुताबिक भारत में बड़ी संख्या में लोगों ने फिल्म स्टारों, नेताओं के नाम से ट्विटर और फेसबुक पर फर्जी एकाउंट और पेज बनाये हुये हैं । उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति किसी और के नाम से एकाउंट बनाता है तो यह भारत में सूचना और तकनीक कानून की धारा 60 (ए) के तहत अपराध है । उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई झांसा देने, घृणा फैलाने के लिये फर्जी एकाउंट बनाता है तो यह कानूनन अपराध है और इसके लिये तीन साल की सजा और जुर्माना हो सकता है । दूसरे के नाम से एकांउट बनाना एक तरह से पहचान चुराने जैसा है जो आईटी कानून की धारा 66 (सी) के तहत अपराध है ।’’ दुग्गल ने कहा कि फर्जी एकांउट से ट्वीट या पोस्ट करना भारतीय दंड संहिता की धारा 468, 465, 471 के तहत इलेक्ट्रानिक धोखाधड़ी है ।

‘ट्विटर’ और ‘फेसबुक’ द्वारा खुद को अमेरिकी वेबसाइट बताये जाने पर दुग्गल ने कहा कि आईटी कानून के मुताबिक अगर कोई वेबसाइट भारत में देखी जाती है तो उसे भारतीय कानूनों को मानना ही होगा और विदेशी होने के नाम पर वह अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती हैं ।

उन्होंने कहा कि चीन और फ्रांस ने इन कंपनियों के विदेशी होने के तर्क को खारिज कर दिया है और भारत सरकार को भी ऐसा ही करना चाहिये । दुग्गल ने कहा कि आईटी कानून में बहुत सी कमियां हैं और इसे समय के साथ अद्यतन करने की जरूरत है । वर्तमान समय में मोबाइल का दुरूपयोग बहुत बढ़ गया है और सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है । उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री कार्यालय से मिलते जुलते एकाउंटों को बंद करने के आग्रह पर ‘ट्विटर’ द्वारा कोई कदम नहीं उठाने के बाद सरकार ने प्रधानमंत्री कार्यालय के ट्विटर एकाउंट से मिलते जुलते उसके छह एकाउंट ब्लाक कर दिये थे। इस पर ट्विटर ने कहा था, ‘‘भारत हमारे लिये महत्वपूर्ण है और हम भविष्य में ऐसे मामलों में स्पष्ट संवाद चाहते हैं।’’ (एजेंसी)

First Published: Friday, August 24, 2012, 12:18

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