`डीईसी को भंग करने का निर्णय कानून सम्मत नहीं`

`डीईसी को भंग करने का निर्णय कानून सम्मत नहीं`

नई दिल्ली : कश्मीर पर पूर्व वार्ताकार एवं यूजीसी के सदस्य एम एम अंसारी ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) की दूरस्थ शिक्षा परिषद (डीईसी) को भंग करने के निर्णय से असहमति व्यक्त करते हुए कहा है कि यह कानून सम्मत नहीं है। अंसारी ने कहा कि मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा का नियमन करने का कार्य संसद ने इग्नू को प्रदान किया है और वही इस बारे में कोई निर्णय कर सकती है कि कौन सा प्राधिकार इस कार्य को करने के योग्य है।

उन्होंने कहा कि लेकिन इस कानून का सम्मान नहीं किया गया। अंसारी ने कहा कि डीईसी को इग्नू कानून के तहत मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा के नियमन का अधिकार दिया गया और इसे किसी प्रक्रिया के तहत समाप्त नहीं किया जा सकता है। यह कार्य केवल संसद ही कर सकती है। उन्होंने कहा, इस तरह से डीईसी को भंग किया जाना कानून सम्मत नहीं हो सकता।

गौरतलब है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने हाल ही में आधिसूचना जारी कर दूरस्थ शिक्षा परिषद (डीईसी) को भंग कर दिया है और मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा (ओडिएल) के जरिये पाठ्यक्रम या कोर्स पेश करने वाले विश्वविद्यालयों से इस संदर्भ में आयोग से मान्यता प्राप्त करने का निर्देश दिया है। डीईसी को समाप्त किये जाने के बारे में पूछे जाने पर इग्नू के कुलपति प्रो. एम असलम ने कहा, सरकार ने इस आशय की व्यवस्था की है और इग्नू ने इसे अधिसूचित कर दिया है। (एजेंसी)

First Published: Sunday, July 14, 2013, 16:18

comments powered by Disqus