Last Updated: Sunday, March 3, 2013, 12:42
नई दिल्ली : राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने दिल्ली मेट्रो रेल निगम और केंद्रीय लोक निर्माण विभाग को इस बात का स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है कि वे पाबंदी के बावजूद यमुना नदी के किनारों पर मलबा क्यों डाल रहे हैं।
न्यायाधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने डीएमआरसी, सीपीडब्ल्यूडी और बागबानी विभाग, नयी दिल्ली को कारण बताओ नोटिस भी जारी किये। इससे पहले न्यायाधिकरण द्वारा नियुक्त आयुक्तों ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि ये संस्थाएं यमुना के किनारों पर नये सिरे से मलबा डाल रही हैं।
पीठ ने कहा, ‘यह भी संकेत दिया गया है कि डीएमआरसी यमुना की तलहटी क्षेत्र में मलबा फेंक रहा है। यह हमारी जानकारी में लाया गया और यह भी सब जानते हैं कि सीपीडब्ल्यूडी तथा बागबानी विभाग भी निर्माण सामग्री समेत तमाम तरह का मलबा अनेक ठेकेदारों के जरिये यमुना के किनारों पर फेंकते हैं। इसे रोकने की जरूरत है।’
पीठ ने दिल्ली के पुलिस आयुक्त और उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को भी यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि क्षेत्र में कोई वाहन नहीं घुसे और मलबा नहीं डाले। (एजेंसी)
First Published: Sunday, March 3, 2013, 12:42