Last Updated: Monday, March 18, 2013, 13:49

ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी
नई दिल्ली : डीएमके की ओर से केंद्र सरकार को चेतावनी के बाद यूपीए सरकार ने करुणानिधि को मनाने की कवायद तेज कर दी है। उधर, एंटी रेप बिल पर सोमवार को हुई सर्वदलीय बैठक से भी डीएमके ने दूरी बनाए रखी। पार्टी की ओर से कोई नुमाइंदा इस बैठक में शामिल नहीं हुआ।
सरकार ने आज कहा कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में अमेरिका समर्थित श्रीलंका संबंधी प्रस्ताव पर भारत के रुख पर फैसला द्रमुक प्रमुख एम करूणानिधि से बातचीत के बाद ही किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम, एके एंटनी और गुलाब नमी आजाद सोमवार को करुणानिधि से बातचीत करेंगे जिन्होंने चेतावनी दी है कि अगर सत्तारूढ़ संप्रग सरकार यूएनएचसीआर में श्रीलंकाई तमिल मुद्दे पर अमेरिका समर्थित प्रस्ताव में संशोधन लाने में नाकाम रहती है तो उनकी पार्टी संप्रग सरकार से समर्थन वापस ले लेगी।
संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने संवाददाताओं को संसद के बाहर बताया कि हमारे तीन वरिष्ठ मंत्री उनसे (करूणानिधि) मिलने जा रहे हैं। उन्हें कुछ आपत्तियां हैं, कुछ सुझाव हैं। वे उनके साथ संयुक्त राष्ट्र में लाए जाने वाले श्रीलंका संबंधी प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे कि उसे कैसे पेश किया जाए। केवल इस बातचीत के बाद ही सरकार इस बारे में अपने रूख का फैसला करेगी। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि तीनों नेताओं को करुणानिधि को आश्वस्त करने को कहा गया है कि सरकार श्रीलंकाई तमिलों के हितों के साथ किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेगी।
चिंदबरम और एंटनी के द्रमुक सुप्रीमो के साथ संबंध काफी मधुर माने जाते हैं जबकि आजाद प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हैं। केंद्र सरकार से द्रमुक मंत्रियों को हटा लेने की गत शुक्रवार को धमकी देने के बाद करूणनिधि ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र भेजकर कहा कि इस बारे में सरकार के उदासीन रवैये से वह निराश हैं। श्रीलंका के बारे में अमेरिका समर्थित एक प्रस्ताव आगामी 21 मार्च को जिनीवा में होने वाली संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की बैठक में लाए जाने की संभावना है।
First Published: Monday, March 18, 2013, 11:37