Last Updated: Sunday, April 22, 2012, 14:17
रायपुर : सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने कहा है कि वे सुकमा जिले के कलेक्टर को रिहा कराने के लिए सरकार और माओवादियों के बीच मध्यस्थता करने के लिए तैयार हैं। इस बीच पुलिस ने कलेक्टर के सुरक्षित होने की जानकारी दी है।
स्वामी अग्निवेश ने कहा कि वे सुकमा के कलेक्टर एलेक्स पाल मेनन की रिहाई के लिए सरकार और माओवादियों के बीच मध्यस्थता करने के लिए तैयार हैं। अग्निवेश ने कहा कि वह प्रतीक्षा कर रहे हैं कि कलेक्टर की रिहाई के लिए मध्यस्थता करने के लिए राज्य शासन या नक्सलियों की ओर से कोई पैगाम आए।
उन्होंने इस दौरान माओवादियों से अपील की है कि वह कलेक्टर मेनन को किसी प्रकार की शारीरिक या मानसिक यातना न दें और उन्हें जल्द रिहा कर दें।
सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि मेनन को अस्थमा की तकलीफ है और इसे देखते हुए माओवादियों को जल्द से जल्द अपनी मांगों को राज्य सरकार के सामने रखना चाहिए, जिससे इसका जल्द हल निकल सके और मेनन सुरक्षित अपने घर लौट सकें। अग्निवेश ने कहा कि वह इस घटना की निंदा करते हैं और यह चिंता की बात है कि कलेक्टर का अपहरण हो गया है।
उन्होंने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार कम से कम बल का प्रयोग करे तथा बातचीत से समस्या का समाधान करने की कोशिश करे। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपने स्तर पर कमेटी गठित कर माओवादियों से बात करे, जिससे हिंसा का दौर समाप्त हो सके।
स्वामी अग्निवेश ने कहा कि पिछले साल उनकी मध्यस्थता में छत्तीसगढ़ में माओवादियों के कब्जे से पांच पुलिसकर्मियों को रिहा किया गया था। तब मुख्यमंत्री रमन सिंह से जेलों में बंद निर्दोष आदिवासियों को रिहा करने की अपील की गयी थी, लेकिन यह मामला ठंडा बस्ते में चला गया था। इधर, कलेक्टर मेनन की पत्नी आशा मेनन ने एक बार फिर माओवादियों से अपने पति को रिहा करने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि उनके पति पास दवाईयांे की कमी है और इससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
आशा मेनन ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से उनकी लगातार बातचीत हो रही है और केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश और मलकानगिरी उड़ीसा के पूर्व कलेक्टर आर विनील कृष्ण ने उनसे बात की है और धर्य रखने की सलाह दी है। माओवादियों ने कृष्ण का भी अपहरण कर लिया था।
आशा मेनन ने बताया कि उनकी कुछ महीने पहले ही शादी हुई है और उन्होंने अपने पति को लगातार लोगों के लिए काम करते हुए देखा है। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि आम लोगों के लिए काम करने वाले उनके पति को माओवादियों ने क्यों अगवा किया है।
उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि उनके पति की जल्द रिहाई होगी और वे बहुत जल्द घर लौट आएंगे।
इसके साथ ही राज्य में इस घटना के बाद से ही कलेक्टर की रिहाई की कोशिश तेज कर दी गयी है। राज्य में आईएएस एसोसिऐशन की कुछ देर पहले बैठक हुई जिसमें इस घटना में शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी गयी और कलेक्टर मेनन को रिहा करने की अपील की गयी।
इससे पहले आज सुकमा जिला मुख्यालय में वहां के नागरिकों ने कलेक्टर को अगवा किए जाने के विरोध में शांति मार्च निकाला, जिसमें स्कूली छात्र और नागरिक बडी संख्या में मौजूद थे। वहीं शनिवार को नक्सली हमले में मारे गए कलेक्टर के दोनों गार्ड को आज सुकमा में गार्ड ऑफ आनर दिया गया। इस बीच राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कलेक्टर के सुरक्षित होने की जानकारी दी है।
राज्य में नक्सल मामलों के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक रामनिवास ने बताया है कि कलेक्टर मेनन सुरक्षित हैं और उनकी रिहाई के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। रामनिवास ने बताया कि पुलिस को कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं, जिसमें कलेक्टर के सुरक्षित होने की भी जानकारी शामिल है। वहीं अभी तक नक्सलियों की तरफ से कोई मांग नहीं रखी गयी है।
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के केरलापाल क्षेत्र के माझीपडा गांव में नक्सलियों ने शनिवार शाम सुकमा जिले के कलेक्टर तथा वर्ष 2006 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एलेक्स वी एफ पाल मेनन (32) का अपहरण कर लिया तथा उनके दो अंगरक्षकों को गोली मार दी। दोनों अंगरक्षकों की मौत हो गयी है।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक राज्य में ग्राम सुराज अभियान के दौरान कलेक्टर मेनन शनिवार को केरलापाल क्षेत्र के माझीपारा गांव में कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। वहां वह एक किसान सभा ले रहे थे। इस दौरान लगभग 50 की संख्या में हथियारबंद नक्सली वहां पहुंचे और कलेक्टर के दो गार्ड को गोली मार दी। बाद में नक्सली मेनन को अपने साथ जंगल की ओर ले गये। इस दौरान सुकमा के एसडीएम एस के वैद्य और अन्य अधिकारी भी वहां मौजूद थे। नक्सलियों ने वैध और अन्य अधिकारियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, April 22, 2012, 19:47