डीएम प्रकरण: सरकार ने दिए मध्यस्थों के नाम - Zee News हिंदी

डीएम प्रकरण: सरकार ने दिए मध्यस्थों के नाम

रायपुर/नई दिल्ली : छत्तीसगढ़ सरकार ने सुकमा के कलेक्टर की रिहाई के सिलसिले में माओवादियों से बातचीत में मध्यस्थता के लिए मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य सचिव सुयोग्य कुमार मिश्रा का नाम सुझाया है। इस बीच प्रशांत भूषण और मनीष कुंजाम ने माओवादियों की तरफ से मध्यस्थता की पेशकश ठुकरा दी है।

 

मुख्यमंत्री रमन सिंह ने आज रायपुर में संवाददाताओं के साथ बातचीत के दौरान बताया कि सुकमा के कलेक्टर अलेक्स पॉल मेनन की रिहाई के सिलसिले में माओवादियों से बातचीत में मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य सचिव सुयोग्य कुमार मिश्रा सरकार की ओर से मध्यस्थता करेंगे। सिंह ने कहा, ‘बुच और मिश्रा से बात की गई है। उनका कहना है कि वे राज्य सरकार की तरफ से माओवादियों के मध्यस्थों के साथ बातचीत करने को तैयार हैं।’

 

उन्होंने कहा, ‘बातचीत की प्रक्रिया चूंकि शुरू हो चुकी है इसलिए मामले को सुलझाने के लिए कोई मोहलत नहीं होनी चाहिए।’ सिंह ने कहा कि राज्य सरकार माओवादियों द्वारा दिये गये नामों का स्वागत करती है लेकिन इनमें से अधिकतर ने मध्यस्थता के लिए मना कर दिया है। पहले ही कहा गया था कि माओवादियों द्वारा नाम आने के बाद राज्य शासन अपनी ओर से मध्यस्थों का नाम बताएगा।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि माओवादियों ने आदिवासी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष कुंजम समेत तीन लोगों से मध्यस्थता करने की अपील की थी लेकिन कुंजाम ने मना कर दिया। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में वकील प्रशांत भूषण भी माओवादियों की तरफ से मध्यस्थता करने से इंकार कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि मेनन की खराब तबीयत को देखते हुए राज्य सरकार ने कुंजाम से कलेक्टर के लिए दवाएं ले जाने का अनुरोध किया था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। वह दवाइयां लेकर ताड़मेटला रवाना हो चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मेनन के परिवार के सदस्यों ने बताया कि वह (मेनन) दमा से पीड़ित हैं और उनकी तबीयत बिगड़ रही है।

 

मालूम हो कि छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के कलेक्टर अलेक्स पॉल मेनन की शनिवार को माओवादियों द्वारा अपहरण की घटना के बाद राज्य सरकार ने उनकी रिहाई की कोशिशें तेज कर दी हैं। अपहरण के दूसरे दिन ही माओवादियों ने अपने आठ साथियों को छोड़ने की मांग रख दी और इसके लिए उन्होंने 25 अप्रैल तक का समय दिया है। इस घटना के बाद राज्य सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक मंत्रिमंडलीय उप समिति का गठन किया है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली इस उप समिति में गृहमंत्री ननकी राम कंवर, आदिम जाति कल्याण मंत्री केदार कश्यप, जल संसाधन मंत्री रामविचार नेताम तथा स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल शामिल हैं।

 

वहीं राज्य सरकार ने इस मामले को लेकर सोमवार की रात सर्वदलीय बैठक बुलाई थी जिसमें एक साझा अपील जारी की गई थी। राज्य सरकार ने इस समस्या के हल के लिए माओवादियों से बातचीत करने की भी बात कही थी। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, April 24, 2012, 23:30

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