डीएम रिहाई: मध्यस्थ वार्ता के लिए तैयार - Zee News हिंदी

डीएम रिहाई: मध्यस्थ वार्ता के लिए तैयार



रायपुर/नई दिल्ली : छत्तीसगढ़ में अपहरण किए गए सुकमा के जिला कलेक्टर अलेक्स पॉल मेनन को रिहा करने हेतु मांगों को पूरा करने के लिए माओवादियों द्वारा तय की गई पहली समयसीमा बुधवार को खत्म हो गई जबकि ऐसी खबरें हैं कि इस समयसीमा को शुक्रवार तक के लिए बढ़ा दिया गया है ताकि छत्तीसगढ़ सरकार और नक्सलियों के मध्यस्थों केा बातचीत का एक मौका दिया जा सके। माओवादियों की ओर से चुने गए वार्ताकार बीडी शर्मा सुकमा के अगवा जिलाधिकारी एलेक्स पॉल मेनन की रिहाई के लिए मध्यस्थता प्रक्रिया शुरू करने के लिए कल छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके में जाएंगे।

 

बंधक संकट आज पांचवे दिन में प्रवेश कर गया जबकि 32 वर्षीय जिलाधिकारी को अधिकारियों की तरफ से भेजी गई दवायें उन्हें मिल गई । जिलाधिकारी को सुरक्षित बताया गया है। छत्तीसगढ़ पुलिस ने कहा है कि उसे उपरी तौर पर इस बात की जानकारी है कि मेनन को कहां रखा गया है लेकिन अपहरणकर्ताओं के लगातार स्थान बदलने के कारण ठीक ठीक स्थान की जानकारी नहीं मिल पा रही है। सुकमा के पुलिस अधीक्षक अभिषेक ने कहा कि हमें एक इलाके के बारे में उपरी तौर पर जानकारी है जहां वह हो सकते हैं, लेकिन ठीक ठीक इसका पता नहीं लगाया जा सकता। इस बीच कलेक्टर की रिहाई के लिए राज्य सरकार के मध्यस्थों की आज शाम राजधानी रायपुर में महत्वपूर्ण बैठक हो रही जिसमें आगे की रणनीति पर विचार किया जा रहा है।

 

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने यहां संवाददाताओं को बताया कि जिलाधिकारी एलेक्स पाल मेनन की रिहाई के लिए राज्य सरकार की ओर से मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य सचिव सुयोज्ञ कुमार मिश्रा का नाम तय किया गया है। अपनी मांगे मानने के लिए नक्सलियों द्वारा दी गई समय सीमा को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि दोनों ओर से बातचीत की प्रक्रिया शुरू हो रही है इसलिए अब समय सीमा तय करने का कोई औचित्य नहीं है।

 

कलेक्टर की रिहाई के लिए राज्य सरकार के मध्यस्थों की बुधवार को राजधानी रायपुर में महत्वपूर्ण बैठक होगी, जिसमें आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा। आज शाम तक दोनों मध्यस्थों के साथ राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक होगी तथा बाद में मंत्रिमंडलीय उपसमिति के साथ मध्यस्थों की बैठक होगी जिससें आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा।  इधर, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव बैजेंद्र कुमार ने भाषा को बताया कि माओवादियों द्वारा मध्यस्थता के लिए पूर्व अनुसूचित जाति आयुक्त बीडी शर्मा और प्रोफेसर हरगोपाल का नाम सामने आने के बाद राज्य के मुख्य सचिव सुनील कुमार ने बीडी शर्मा से बात कर कहा है कि राज्य शासन को उनके नाम पर कोई आपत्ति नहीं है।

(एजेंसी)

First Published: Wednesday, April 25, 2012, 20:50

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