तथ्यों को छिपाना कोर्ट से छल के समान: SC

तथ्यों को छिपाना कोर्ट से छल के समान: SC

तथ्यों को छिपाना कोर्ट से छल के समान: SC नई दिल्ली : अदालती कार्यवाही के दौरान वादी और उनके वकीलों द्वारा मुकदमे से संबंधित तथ्यों को छिपाने को गंभीरता से लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि इस तरह का कृत्य अदालत के साथ छल करने के समान है।

न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की खंडपीठ ने तथ्य छिपाकर राहत हासिल करने का प्रयास करने वाले वादकारियों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि अदालत प्रयोगशाला नहीं है जहां बच्चे खेलने आते हैं। न्यायाधीशों ने कहा कि कोई भी व्यक्ति जो अदालत से तथ्य छिपाने का तरीका अपनाता है वह वास्तव में अदालत के साथ छल कर रहा है और सच्चाई को छिपाना असत्य अभिव्यक्ति के समान है।

न्यायालय ने राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर अपील पर इस बारे में आदेश दिया। उच्च न्यायालय ने इस व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही निरस्त कर दी थी क्योंकि उसने कहा था कि अपराध का संज्ञान लेने का मजिस्ट्रेट का आदेश निरस्त किया जा चुका है। उसने इस तथ्य को छिपाया कि उसके खिलाफ पहले ही अभियोग निर्धारित हो चुका है। शीर्ष अदालत ने सारे रिकार्ड का अवलोकन करने के बाद हाईकोर्ट का आदेश निरस्त कर दिया। (एजेंसी)

First Published: Thursday, May 16, 2013, 19:56

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