Last Updated: Wednesday, May 9, 2012, 15:04
नई दिल्ली : लोकसभा में दो दिन पहले ही भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद (संशोधन) विधेयक के खिलाफ मतदान करने वाली तृणमूल कांग्रेस ने आज एक बार फिर संप्रग सरकार को असहज स्थिति में डालते हुए राज्यसभा में इसकी आलोचना की। विधेयक पर हुयी चर्चा में भाग लेते हुए तृणमूल के डी. बंदोपाध्याय ने इसकी आलोचना की और कहा कि वह संचालक मंडल (बोर्ड आफ गवर्नर्स) का कार्यकाल और एक साल बढ़ाने के प्रस्ताव से सहज नहीं हैं।
प्रस्तावित मानव स्वास्थ्य संसाधन परिषद का जिक्र करते हुए बंदोपाध्याय ने कहा कि यह मेडिकल क्षेत्र में अति केंद्रीकरण का प्रयास है। उन्होंने कहा कि हम विकेंद्रीकरण से अति केंद्रीकरण की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि विधेयक में सिर्फ एक शब्द बदला गया है और दो साल के स्थान पर तीन साल की बात की गयी है लेकिन इसमें काफी कुछ छिपा हुआ है।
उल्लेखनीय है कि भ्रष्टाचार का मामला सामने आने के बाद 2010 में भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद :एमसीआई: को भंग कर दिया गया था और उसके स्थान पर एक साल के लिए संचालक मंडल की नियुक्त की गयी थी। उसका कार्यकाल खत्म होने पर उसे एक साल का विस्तार दिया गया था। विस्तारित अवधि इसी महीने खत्म हो रही है। यह विधेयक संचालक मंडल का कार्यकाल और एक साल बढ़ाने के लिए लाया गया है।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 9, 2012, 20:34