Last Updated: Friday, August 2, 2013, 15:14

तिरूवनंतपुरम: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव प्रकाश करात ने पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के फैसले को अदूरदर्शितापूर्ण करार देते हुए कहा है कि इस कदम से छोटे राज्यों के गठन की मांगों को बल मिलेगा ,जो देश के संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचाने वाली हैं।
पार्टी के मलयालम दैनिक ‘देशाभिमानी’ में लिखे एक लेख में करात ने कहा, ‘तेलंगाना क्षेत्र के लोगों की भावना पृथक राज्य के पक्ष में है। परंतु दूरगामी दृष्टिकोण से इसका लोकतांत्रिक, संघीय ढांचे पर प्रभाव गंभीर होगा।’ देश की आजादी के बाद भाषायी स्तर पर राज्यों के गठन की मांग से जुड़े संघर्ष का उल्लेख करते हुए करात ने कहा कि अविभाजित कम्युनिस्ट पार्टी ने आंध्र प्रदेश सहित कई दूसरे राज्यों के गठन के अभियान में अहम भूमिका निभाई थी।
उन्होंने कहा कि कम्युनिस्ट नेता पी सुंदरैया का ‘विशाल आंध्र’ का नारा उस आंदोलन के लिए बुनियाद साबित हुआ। करात ने कहा कि नए राज्यों की मांग में क्षेत्रीय पहचान वाली राजनीति भी शामिल है जो रूढ़िवादी दलों को अपना प्रभाव स्थापित करने का मौका प्रदान करेगी।
उन्होंने कहा कि छोटे राज्यों के गठन का विपरीत आर्थिक और राजनीतिक परिणाम होगा क्योंकि संसाधनों की उपलब्धता सीमित हो जाएगी। (एजेंसी)
First Published: Friday, August 2, 2013, 15:14